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Jaipur: When is Deepawali? 2024 की दिवाली कब है?

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जयपुर : दीपावली कब है? दिवाली कितने तारीख को है? 2024 की दिवाली कब है? राजस्थान में 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी या दीपोत्सव 1 नवंबर को है? ऐसे तमाम सवालों ने दिवाली की तैयारियों में जुटे लोगों को बीच असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। आमजन को इसी दुविधा से निकालने के लिए एक दिन पहले जयपुर में ज्योतिषार्चायों, पंडितों और पंचाग प्रकाशकों की एक सभा भी आयोजित हुई। इसमें दिवाली को 1 नवंबर के दिन मनाने पर सहमति बनी लेकिन इसके बावजूद असमंजस बरकरार है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में दिवाली इसबार अलग अलग दिन मनाई जा रही है। यहां पढ़ें प्रमुख शहरों में दीपावली को लेकर बनी सहमति की विस्तृत जानकारी…

कोटा में दिवाली पूजन पर बनी यह सहमति

कोटा में पूर्व राज परिवार के आचार्य पंडित आशुतोष दाधीच ने बताया कि 1 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। इसी तरह टीलेश्वर भवन मंदिर में भी 1 नवंबर को दिवाली उत्सव मनाया जा रहा है। वहीं शहर के मथुराधीश, श्री बड़े महाप्रभुजी मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, फूल बिहारी मंदिर और तलवंडी राधा-कृष्ण मंदिर में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

जोधपुर में दिवाली कब? ज्योतिषविदों की बैठक में फैसला

जोधपुर में दिवाली 31 अक्टूबर को रहेगी या 1 नवंबर को बनाई जाएगी? इसी पर मंथन करने के लिए ज्योतिषविदों और पंचांग प्रकाशकों की बैठक हुई। शहर में ज्योतिषविद पं. द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ज्योतिषविदों ने बताया कि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को कार्तिक कृष्ण अमावस्या होने से पूरे देश में भ्रामक स्थिति बनी है। दोनों ही दिन प्रदोष काल में अमावस्या होने से 1 नवंबर को ही ग्राह्य माना गया है।

बता दें कि जोधपुर से प्रकाशित श्रीचण्डमार्तंड पंचांग, गर्ग पंचांग, श्रीधर पंचांग और निर्णय सागर पंचांग समेत अनेक पंचांगकर्ताओं ने दिवाली 1 नवंबर को मनाने को शास्त्र सम्मत माना। वहीं देश के कुछ स्थानों पर हुई ज्योतिषाचार्यों की बैठकों में31 अक्टूबर को दिवाली पर्व मनाने को शास्त्र सम्मत माना गया है।

सीकर में 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी

सीकर के दीपावली पूजन को लेकर असमंजस खत्म कर दिया गया है। यहां सर्वसम्मति से 31 अक्टूबर को बनाने का फैसला लिया है। पंडित विक्रम जोशी के अनुसार सीकर में 31 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। सीकर का पंचांग श्रीमानव पंचांग और इसे वल्लभ मणिराम के नाम से भी जाना जाता है। उसमें भी दीपावली का पर्व चतुर्दशी को 31 अक्टूबर को ही वर्णित है। ऐसे में सीकर में सभी 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। विप्रों की कमेटी ने इस संबंध में यह निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार 31 अक्टूबर को ही दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा।

चूरू में भी 31 अक्टूबर पर सहमति बनी

शेखावाटी में सीकर के साथ ही चूरू में भी दिवाली 31 अक्टूबर को मनाने पर सहमति बनी है। पंडित महेन्द्र शास्त्री के अनुसार दीपावली पर्व रात्रिकाल का आयोजन है और इस बार 31 अक्टूबर को दोपहर 3:54 बजे से अमावस्या शुरू हो रही है। अगले दिन यानी 1 नवंबर को 6:16 बजे अमावस्या समाप्त होगी। यही कारण है कि चूरू के विद्वान जनों ने सर्वसम्मति से दीपावली पर्व 31 अक्टूबर को मनाने का फैसला किया है।

उदयपुर में दीपावली 1 नवंबर को ही मनाएंगे

झीलों की नगर उदयपुर में इसबार दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी। यहां के जगदीश मंदिर के पुजारी रामगोपाल ने दीपावली 1 नवंबर को ही मनाने की बात कही है। उनके अनुसार पंचांग में अमावस्या 1 नवंबर को है और इसी दिन दीपावली मनाई जाएगी। उदयपुर जिले के महालक्ष्मी मंदिर श्रीमाली जाति संपत्ति व्यवस्था ट्रस्ट के सचिव मधुसूदन बोहरा ने भी दिवाली 1 नवंबर को ही मनाने की बात कही है।

Hind News Tv
Author: Hind News Tv

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