शनिवार तड़के इसराइल ने ईरान के कुछ सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए और फिर इन्हें रोक दिया.
अब से थोड़ी देर पहले ही इसराइल ने इन हमलों का ब्योरा दिया है.
इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्सेज़ (आईडीएफ़) ने कहा है कि उसने ख़ुफ़िया जानकारी के आधार पर हवाई हमले किए थे.
इसराइल ने कहा है कि उसकी वायुसेना ने ईरान के मिसाइल संयंत्रों पर पर हमले किए हैं. ये वही संयंत्र हैं जहां बने मिसाइलों से ईरान ने इसराइल पर हमले किए थे.
आईडीएफ़ के बयान में कहा गया है, ”इसके साथ ही ईरान की ज़मीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के भंडारों और उसकी वायुसेना की क्षमताओं को निशाना बनाकर भी हमले किए गए. ईरान के ऐसे ठिकानों को निशाना बनाया गया जो इसराइल के खुलकर हवाई हमले करने की क्षमता को रोकने के लिए तैयार किए गए थे.”
इसराइल की सेना ने कहा है कि ईरान और उसके सहयोगियों की ओर से अप्रैल और अक्टूबर में किए गए हमलों की वजह से मध्य पूर्व की स्थिरता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचा है. साथ ही इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था भी कमज़ोर हुई है.
दूसरी ओर, ईरान ने इसराइली हमले की पुष्टि कर दी है. ईरान की वायुसेना ने एक बयान में कहा है कि उसके तेहरान, कुज़ेस्तान और इलम प्रांतों के सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए हैं.
ईरान ने कहा है कि इन हमलों का सफलतापूर्वक सामना किया गया. इनसे कुछ जगहों पर ‘सीमित नुकसान’ पहुंचा है.
बाइडन प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने अपने बयान में कहा है, ”अगर ईरान ने एक बार फिर हमला किया तो हम तैयार रहेंगे. और ईरान को इसके नतीजे भुगतने होंगे.”
बयान में कहा गया है कि अमेरिका नहीं चाहता कि ऐसी नौबत आए.
बयान में कहा गया है, ”इसराइल और ईरान के बीच सीधा हमला अब ख़त्म होना चाहिए. अमेरिका लेबनान में युद्ध ख़त्म करने के अलावा ग़ज़ा में शांति कायम करने और हमास के क़ब्जे़ से इसराइली बंधकों की रिहाई की कोशिश के लिए तैयार है.”
मध्य पूर्व क्षेत्र के बीबीसी संपादक सेबेस्टियन अशर का विश्लेषण।
ईरान से आ रहे वीडियो में दिख रहा है कि तेहरान के आसमान में चमकीली चीज़ें तैर रही हैं. साथ ही धमाकों की आवाज़ें भी सुनी जा सकती हैं.
ईरानी मीडिया ने इस बात की पुष्टि की है कि इसराइल ने तेहरान के पश्चिमी इलाकों को निशाना बनाया था.
हालांकि उसने कहा है कि इससे मामूली नुक़सान ही हुआ है. जबकि इसराइल ने कहा है कि उसने तीन बार हमलों की झड़ी लगाई थी.
सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने यह भी बताया है कि इसराइल ने व्यापक हमले किए हैं।
गौरतलब है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ईरान के समर्थन से लंबे समय से सत्ता में बने हुए हैं.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने कहा है कि इसराइल ने हमले से पहले इसकी सूचना उसे दे दी थी. लेकिन इस ऑपरेशन में अमेरिका शामिल नहीं है.
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि इसराइल ने ईरान में ऊर्जा या परमाणु संयंत्रों पर हमला नहीं किया है.
अब ईरानी नेतृत्व को ये फैसला करना है कि वह इसराइल के इस हमले का जवाब दे या नहीं.
अर्द्धसरकारी समाचार एजेंसी तसनीम ने कहा है कि इसराइल को इसके ‘बराबर ही प्रतिक्रिया’ देखने को मिल सकती है. इसराइली सेना ने पहले ही कहा है कि अगर ईरान ने तनाव बढ़ाने की नई कोशिश शुरू की तो वो जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर होगी.
इससे पहले इन हमलों का समर्थन करते हुए इसराइल डिफ़ेंस फ़ोर्सेज़ (आईडीएफ़) ने कहा था, ”दुनिया के किसी भी दूसरे संप्रभु राष्ट्र की तरह इसराइली राष्ट्र के पास जवाब देने का अधिकार है और ये उसका कर्तव्य है.”
इसराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा था, ”हमारी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताएं पूरी तरह सक्रिय हैं. हम इसराइली राष्ट्र और इसराइल के लोगों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक होगा वो करेंगे.’