नई दिल्ली. बिहार को अपने गानों से खास पहचान दिलाने वालीं ‘बिहार कोकिला’ के नाम से फेमस शारदा सिन्हा नहीं रहीं. उनका परिचय चंद शब्दों में लिखना बेहद मुश्किल हैं. शारदा सिन्हा के परिवार के लिए साल 2024 वो साल है, जो शायद ही कभी वो भूल पाएंगे. 2 महीने पहले बच्चों के सिर से पिता का साया उठा और अब छठ के दौरान प्यारी मां भी अलविदा कह गई. शारदा सिन्हा के बारे में आप कई बातों को जानते होंगे. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि वो साधारण खाना खाती थीं, लेकिन पान की शौकीन रहीं. लेकिन इसके पीछे की वजह जानते हैं? अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं.
शारदा सिन्हा को आपने अक्सर पान खाते देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं पान आदी को खाने से अक्सर सिंगर्स बचते हैं, लेकिन उसी पान को खाने के बाद ही अक्सर वह मंच पर गीत गाया करती थीं. इसके पीछे 2 वजह है. चलिए आपको बताते हैं.
छठ पर्व के दौरान शारदा सिन्हा का इस तरह जाना, सिर्फ परिवार ही नहीं उनके फैंस को भी रुला गया. पद्म पुरस्कार से सम्मानित 72 साल की मशहूर गायिका शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से दिल्ली एम्स में भर्ती थी. शारदा सिन्हा साल 2018 से मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थी. यह एक तरह ब्लड कैंसर है. लेकिन अपनी बीमारी से ज्यादा वह पति के निधन से टूट गई थीं.
करीब 11 दिनों वह अस्पताल में भर्ती थीं, लेकिन सोमवार (04 नवंबर) की शाम को उनकी तबीयत अचानक से ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया. देश-विदेश में बैठे फैंस उनकी सेहत जल्द ठीक होने की दुआ कर रहे थे. लेकिन न तो डॉक्टर्स की कड़ी मेहनत उन्हें बचा सकी और न ही लोगों की दुआएं.
शारदा सिन्हा के फैंस जानते हैं कि वह पान की शौकीन थीं. शारदा सिन्हा मृदुभाषी होने के साथ-साथ सामान्य जीवन व्यतीत करना पसंद करती थीं. उनके करीबी रहे हृदय नारायण ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह खाने-पीने की शौकीन नहीं थीं. वह जो मिलता बड़े शौक से खा लिया करती थीं.
लेकिन पान की वो शौकीन थी. वे कार्यक्रम में जाने से पूर्व गले को ठंडा रखने के लिए पान खाती थीं. इसके पीछे एक और कारण है. दरअसल, मिथिलांचल में पान मां भगवती को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. इस कारण भी उन्हें थोड़ा बहुत पान के प्रति लगाव रहता था. वे अपने साथ में पान की डिब्बिया लेकर जाती थीं.
हालांकि, रिसर्च बताती हैं कि सिंगर्स को पान चबाने से बचना चाहिए. ये लंबे समय में अस्वास्थ्यकर और खतरनाक हो सकता है. दरअसल, पान एक तम्बाकू से संबंधित उत्पाद है, जिसकी पान चबाने की लत लग जाती है, जो लत पान में मौजूद तम्बाकू की होती है, पत्ते की नहीं. पान के छोटे से हरे पत्ते में बेशुमार गुण छुपे हैं. लेकिन उसे खाने की आदत बिना किसी कत्थे, चूने या स्वाद के डालनी होगी. तब ही पान का ये पत्ता आपके काम का साबित हो सकेगा.