फ्लोरिडा में अपने आवास मार ए लागो में मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि ‘हम राष्ट्रपति पुतिन और जेलेंस्की और यूक्रेन के प्रतिनिधियों से बात करेंगे। हमें इस युद्ध, इस नरसंहार को रोकना होगा।’
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करेंगे और दोनों से युद्ध को खत्म करने की अपील करेंगे। ट्रंप ने कहा कि युद्ध में जारी नरसंहार को तीन साल हो चुके हैं और अब ये खत्म होना चाहिए। फ्लोरिडा में अपने आवास मार ए लागो में मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि ‘हम राष्ट्रपति पुतिन और जेलेंस्की और यूक्रेन के प्रतिनिधियों से बात करेंगे। हमें इस युद्ध, इस नरसंहार को रोकना होगा।’
गौरतलब है कि ट्रंप, अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दी जा रही अरबों डॉलर की आर्थिक और सैन्य मदद की आलोचना कर चुके हैं। ऐसे में ट्रंप के सत्ता में आने से यकीनन यूक्रेन की सरकार चिंतित होगी। ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि वे रूस और यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। हालांकि वे ये कैसे करेंगे, इस बारे में ट्रंप ने कोई जानकारी नहीं दी है। कुछ दिनों पहले भी ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता शुरू करने की अपील की थी।
पुतिन के बयान के बाद आया ट्रंप का युद्ध रोकने का बयान
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को अपने शीर्ष सैन्य जनरलों को संबोधित करते हुए कहा था कि उनकी सेना का पूरे अग्रिम मोर्चे पर दबदबा है और रूसी सेना यूक्रेन के प्रमुख पूर्वी शहर पोक्रोवस्क के द्वार पर पहुंच चुकी हैं। पुतिन ने कहा कि रूसी सेनाएं पूरी संपर्क रेखा पर मजबूती के साथ अपनी रणनीतिक बढ़त को कायम रखे हुए हैं। पुतिन ने कहा कि रूस की सेना ने इस साल 189 यूक्रेनी बस्तियों पर कब्ज़ा किया है और 2024 सैन्य अभियान के लिहाज से काफी सफल रहा। उसी बैठक में पुतिन के बाद बोलते हुए, रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव ने कहा कि रूस के सैनिकों ने इस साल कुल लगभग 4,500 वर्ग किलोमीटर (1,737 वर्ग मील) यूक्रेनी क्षेत्र पर कब्ज़ा किया है और अब वे हर दिन लगभग 30 वर्ग किलोमीटर पर कब्ज़ा कर रहे हैं।
पश्चिमी देशों ने की आलोचना
जहां एक तरफ ट्रंप युद्ध रोकने की अपील कर रहे हैं। वहीं सोमवार को ही यूरोपीय संघ और कई पश्चिमी देशों ने रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया के शामिल होने को खतरनाक करार दिया और कहा कि इसके यूरोपीय और इंडो-पैसिफिक सुरक्षा के लिए गंभीर परिणाम होंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया और यूक्रेन ने उत्तर कोरिया पर रूस का समर्थन करने के लिए 10,000 से अधिक सैनिक भेजने का आरोप लगाया है।