पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के निगमबोध घाट पर संपन्न हो गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री को अंतिम विदाई देने निगमबोध घाट पहुंचे.
उनके अलावा कई अन्य केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
इस बीच डॉक्टर मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जल्द से जल्द जगह मुहैया कराने की मांग तेज़ होती जा रही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की चिट्ठी और सरकार के जवाब के बाद कांग्रेस के कई नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं.
कांग्रेस की इस मांग में अकाली दल भी साथ आ गई है और उसने प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में दख़ल देने की मांग की है और यह विवाद बढ़ता जा रहा है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया, “देश की जनता यह नहीं समझ पा रही है कि सरकार को उनके अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए एक जगह क्यों नहीं मिल पा रही है.”
स्मारक के लिए जगह आवंटित करने की मांग को लेकर अब कांग्रेस के कई नेताओं के बयान आने लगे हैं.
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने भी इस मामले पर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है
उन्होंने लिखा है, “एनडीए सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह जी जैसे महान व्यक्तित्व के अंतिम संस्कार एवं स्मारक बनाने को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा किया है. जिस व्यक्तित्व को दुनिया सम्मान दे रही है उनका अंतिम संस्कार भारत सरकार किसी विशेष स्थान की जगह निगम बोध घाट पर करवा रही है.”
“साल 2010 में हमारी सरकार ने बीजेपी की मांग के बिना ही पूर्व उपराष्ट्रपति श्री भैरों सिंह शेखावत के निधन के बाद उनके परिवार से बात कर जयपुर में उनके अंतिम संस्कार के लिए तुरंत विशेष जगह आवंटित की और वहीं स्मारक का निर्माण करवाया.”
उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस सरकार ने साल 2012 में महाराष्ट्र में श्री बाल ठाकरे के निधन के बाद मुंबई के शिवाजी पार्क में विशेष स्थान आवंटित कर अंतिम संस्कार करवाया था.
उनका कहना है, “कांग्रेस ने हमेशा सभी पार्टियों के नेताओं को सम्मानजनक विदाई दी लेकिन बीजेपी का डॉ. मनमोहन सिंह जी के साथ ऐसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है. आज उनके निधन पर पूरा देश शोक में है और देश के लोगों ने सरकार के इस क़दम पर नाराज़गी जताई तब जनभावना के दबाव में बीजेपी सरकार भविष्य में स्मारक बनाने की घोषणा कर रही है.”
कांग्रेस सांसद और पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग का कहना है, “हम मांग करते हैं कि सरकार स्मारक के लिए जगह आवंटित करे. अगर अटल बिहारी वाजपेयी के स्मारक के लिए जगह दी जा सकती है तो मनमोहन सिंह के लिए क्यों नहीं. वह देश के एकमात्र सिख प्रधानमंत्री थे. एक स्मारक बनेगा तो आने वाली पीढ़ियों को इससे प्रेरणा मिलेगी.”
स्मारक के लिए कांग्रेस ने की मांग तेज़
स्मारक स्थल को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा है, “वो एक नेक इंसान थे. वो हमारे देश के महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री थे. वो हर किसी की बात सुनते थे और ग़रीबों की बात करते थे. उन्होंने देश में आधार कार्ड लागू किया था. हम उनके लिए संघर्ष करेंगे.”
इस मुद्दे पर कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है, “उन्होंने देश और यहां के लोगों के लिए काम किया. उन्होंने देश के हर वर्ग का ध्यान रखा. यह समय की मांग है. मुझे उम्मीद है कि सरकार को सही विचार आएगा और कांग्रेस पार्टी के आग्रह को पूरा करेगी.”
हालांकि इस मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता रहे प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी पर सवाल खड़े किए हैं.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “जब बाबा का निधन हुआ था, कांग्रेस पार्टी ने शोक जताने के लिए वर्किंग कमेटी की बैठक तक नहीं बुलाई थी. एक वरिष्ठ नेता ने मुझे कहा कि यह राष्ट्रपतियों के लिए नहीं होता.”
“यह पूरी तरह बकवास है, क्योंकि जैसा कि बाद में मुझे बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन के निधन के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई थी और उनका शोक संदेश बाबा ने ही तैयार किया था.”
हालांकि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के समय भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का दौर था. उनका निधन 31 अगस्त 2020 को हुआ था.
स्मारक स्थल को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा है, “वो एक नेक इंसान थे. वो हमारे देश के महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री थे. वो हर किसी की बात सुनते थे और ग़रीबों की बात करते थे. उन्होंने देश में आधार कार्ड लागू किया था. हम उनके लिए संघर्ष करेंगे.”
इस मुद्दे पर कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है, “उन्होंने देश और यहां के लोगों के लिए काम किया. उन्होंने देश के हर वर्ग का ध्यान रखा. यह समय की मांग है. मुझे उम्मीद है कि सरकार को सही विचार आएगा और कांग्रेस पार्टी के आग्रह को पूरा करेगी.”
हालांकि इस मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता रहे प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी पर सवाल खड़े किए हैं.
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “जब बाबा का निधन हुआ था, कांग्रेस पार्टी ने शोक जताने के लिए वर्किंग कमेटी की बैठक तक नहीं बुलाई थी. एक वरिष्ठ नेता ने मुझे कहा कि यह राष्ट्रपतियों के लिए नहीं होता.”
“यह पूरी तरह बकवास है, क्योंकि जैसा कि बाद में मुझे बाबा की डायरी से पता चला कि केआर नारायणन के निधन के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई थी और उनका शोक संदेश बाबा ने ही तैयार किया था.”
हालांकि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के समय भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का दौर था. उनका निधन 31 अगस्त 2020 को हुआ था.