Rajasthan: राजस्थान की बड़ी जनसंख्या के लिए शुक्रवार की सुबह एक खुशखबरी आई। बिसलपुर डेम, जो जयपुर, अजमेर समेत कई क्षेत्रों को पेयजल प्रदान करता है, पांच साल के बाद फिर से Overflow हुआ है। शुक्रवार सुबह 11 बजे डेम के हूटर की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने विधिपूर्वक पूजा की और डेम के दो गेट खोलने के लिए बटन दबाया।
डेम का Overflow और जलस्तर
बिसलपुर डेम, जो राजस्थान का सबसे बड़ा पेयजल परियोजना है, शुक्रवार को Overflow हो गया। ट्रिवेणी की लगातार आवक के कारण डेम का पानी स्तर अपने अधिकतम गेज 350.50 मीटर तक पहुंच गया। इसके बाद जल संसाधन मंत्री ने बिसलपुर पहुंचकर पूजा की और डेम के दो गेट खोलने के बटन को दबाया। आज डेम से 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे बिसलपुर के जल तीर्थराज पुष्कर की पूजा करेंगे।
पानी का स्तर और भारी बारिश का प्रभाव
इस वर्ष 15 जून तक, डेम में पानी का स्तर 309.39 RL मीटर था। लेकिन अगस्त में भारी बारिश के बाद, डेम में लगातार पानी की आवक हुई जिससे यह 3015 मीटर के स्तर को पार कर गया। पिछले 24 घंटों में, डेम में लगभग 0.50 मीटर पानी की वृद्धि हुई है। गुरुवार सुबह डेम का पानी स्तर 315 मीटर को पार कर गया। इसके बाद, शुक्रवार सुबह 6 बजे तक पानी का स्तर 315.49 मीटर तक पहुंच गया और अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, यह 315.50 मीटर पर पहुंच चुका है।
डेम का उद्देश्य और पानी का वितरण
इस डेम का मुख्य उद्देश्य टोंक जिले में पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित करना और सिंचाई के लिए पानी की बचत करना है। इसके अलावा, जयपुर और अजमेर में पेयजल की आपूर्ति के लिए भी पानी जाता है। टोंक जिले में, 8 TMC पानी सिंचाई के लिए आरक्षित है, 16.2 TMC पानी पेयजल के लिए और 8.15 TMC पानी वाष्पीकरण और अन्य खर्चों के लिए माना गया है।
पेयजल की खपत और वितरण
बिसलपुर डेम से रोजाना 950 से 1000 MLD पानी पेयजल के लिए टोंक, अजमेर और जयपुर जिलों में आपूर्ति की जा रही है। यह पानी तीन जिलों में लगभग 2000 शहरों और गांवों को पेयजल प्रदान कर रहा है। बिसलपुर, जो राजस्थान में पेयजल आपूर्ति का सबसे बड़ा डेम है, का पानी स्तर अब 315.25 मीटर को पार कर चुका है। डिओली SE डेम सर्कल के वीरेंद्र सिंह सागर का कहना है कि डेम में ट्रिवेणी की आवक जारी है और इसके गेट कल सुबह तक खुले रहने की संभावना है।
निष्कर्ष
बिसलपुर डेम के गेट खोलने की इस सुखद खबर ने राजस्थान के लाखों लोगों को राहत दी है। डेम की लगातार बढ़ती जलस्तर और पानी की आपूर्ति से न केवल टोंक, अजमेर और जयपुर में पेयजल की समस्या दूर होगी, बल्कि कृषि और अन्य उद्देश्यों के लिए भी पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि प्राकृतिक संसाधनों का समुचित प्रबंधन और प्रभावी जल संरक्षण नीतियाँ समाज के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं।