Tarang Shakti 2024: भारतीय वायुसेना के ‘तरंग शक्ति-2024’ अभ्यास के तहत, विदेशी विमानों के साथ भारतीय लड़ाकू विमानों ने जोधपुर, राजस्थान के आकाश में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। यह अद्भुत वायु शो गुरुवार को पूरे दिन जारी रहा, जिसमें सुखोई और तेजस के साथ अमेरिका के A-10 और ऑस्ट्रेलिया के F-18 विमानों ने भी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
ऑस्ट्रेलिया का पहला विमानन दौरा
वायु सेना मीडिया समन्वय केंद्र के अनुसार, 4 सितंबर को जोधपुर में अचानक हुई भारी बारिश के कारण उड़ानें संचालित नहीं हो सकी। हालांकि, विदेशी देशों के वायु योद्धाओं ने इस मौसम बाधित स्थिति को एक अवसर में बदल दिया और संचालन और रखरखाव की शीर्ष प्रथाओं को साझा किया, जिससे मित्रता के बंधन को और मजबूत किया गया।
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया की रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स ने भारत में पहली बार अपने लड़ाकू विमानों को भेजा है, जो ‘तरंग शक्ति-2024’ अभ्यास के दूसरे चरण में भाग ले रहे हैं।
तरंग शक्ति 2024 का दूसरा चरण
देश के सबसे बड़े बहुपरकारी वायु अभ्यास का दूसरा चरण 30 अगस्त से 13 सितंबर तक जोधपुर में आयोजित किया जा रहा है। इस अभ्यास में भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, श्रीलंका, UAE, जापान और सिंगापुर भी भाग ले रहे हैं।
भारतीय और विदेशी विमानों की अनूठी उपस्थिति
इस अभ्यास के दौरान, भारतीय वायुसेना के तेजस और सुखोई विमानों ने विदेशी विमानों के साथ मिलकर वायु युद्ध की विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन किया। विशेष रूप से, सुर्य किरण टीम ने भी इस अभ्यास में भाग लिया और अपने अद्वितीय फ्लाईपास्ट्स और फॉर्मेशन का प्रदर्शन किया।
खुला दिन 7 सितंबर को
7 सितंबर को ‘खुला दिन’ के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें भारतीय विमानों का एक विशेष शो आयोजित किया जाएगा। इस दिन दर्शकों को भारतीय वायुसेना के विभिन्न विमानों के विशेष प्रदर्शन और तकनीकी क्षमताओं को देखने का मौका मिलेगा।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और आपसी समझ
‘तरंग शक्ति 2024’ का यह अभ्यास न केवल भारतीय और विदेशी वायु सेनाओं के बीच तकनीकी क्षमताओं का आदान-प्रदान है, बल्कि यह आपसी सहयोग और मित्रता को भी दर्शाता है। इसमें भाग ले रहे देशों की वायु सेनाएं आपसी ज्ञान और अनुभव साझा कर रही हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय वायु शक्ति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निष्कर्ष
‘तरंग शक्ति 2024’ के इस वायु अभ्यास ने न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत और क्षमताओं को उजागर किया, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और सहयोग की नई ऊँचाइयों को भी छूने का अवसर प्रदान किया। यह अभ्यास विभिन्न देशों के वायु सेनाओं के बीच दोस्ती और पेशेवर संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है। भविष्य में भी ऐसी अंतर्राष्ट्रीय वायु अभ्यासों की आवश्यकता है जो वैश्विक सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा दें।