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Cyber ​​fraud: फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले 9 आरोपी गिरफ्तार

Cyber ​​fraud: फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले 9 आरोपी गिरफ्तार

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Cyber ​​fraud: राजस्थान के डीग जिले की कामा पुलिस ने “ऑपरेशन एंटीवायरस” के तहत एक बड़ी कार्रवाई की है। इस ऑपरेशन में 9 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जो पहाड़ी क्षेत्र में बैठकर साइबर धोखाधड़ी कर रहे थे। हालांकि, इस दौरान 4 ठग पुलिस से बच निकलने में सफल रहे। पुलिस ने मौके से नकली सिम कार्ड, स्मार्टफोन और 65,000 रुपये भी बरामद किए हैं। जांच में यह खुलासा हुआ है कि ये ठग रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करते थे। कभी-कभी ये लोगों को ब्लैकमेल करके और कई अन्य तरीकों से भी ठगी करते थे।

फर्जी विज्ञापनों के जरिए ठगी

कामा पुलिस स्टेशन के अधिकारी मनीष शर्मा ने बताया कि पुलिस की एक टीम ने कनवाड़ा के पहाड़ी क्षेत्र में छापा मारा। इस क्षेत्र से 9 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। ये ठग विभिन्न प्रकार के फर्जी विज्ञापनों को ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर योजनाबद्ध तरीके से साझा करते थे। फिर जो भी उनके जाल में फंसता, उनसे बड़ी रकम वसूल की जाती। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने रेलवे में नौकरी देने का वादा करके भी ठगी की है।

Cyber ​​fraud: फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले 9 आरोपी गिरफ्तार

नशे में धुत होकर ठगी करने का तरीका

इन आरोपियों का एक और ठगी का तरीका बेहद चौंकाने वाला है। वे पहले किसी व्यक्ति को फोन करते और फिर उसके सामने नग्न वीडियो दिखाते। इस दौरान, वीडियो कॉल से जुड़े व्यक्ति का वीडियो भी रिकॉर्ड किया जाता था। इसके बाद आरोपी अपने व्हाट्सएप डीपी में पुलिस अधिकारी की फोटो लगाकर उसे फोन करते और कार्रवाई की धमकी देते थे। इसके बदले में बड़ी रकम वसूल की जाती थी।

कामा में 10 महीनों में 190 ठग गिरफ्तार

पिछले 10 महीनों में कामा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में 180 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। इस तरह के कई अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। दरअसल, म्यूवाट क्षेत्र में साइबर ठगों का खात्मा करने के लिए “ऑपरेशन एंटीवायरस” चलाया जा रहा है। इसके तहत धोखाधड़ी के काले कारनामों से बने भव्य घरों पर बुलडोजर कार्रवाई भी की जा रही है। IG राहुल प्रकाश और SP राजेश कुमार मीना के निर्देशों के तहत चलाए जा रहे इस अभियान का असर साफ दिखाई दे रहा है।

लोगों को जागरूक करने की जरूरत

यह घटना हमें याद दिलाती है कि साइबर धोखाधड़ी का खतरा हर किसी के लिए है। इसलिए, लोगों को चाहिए कि वे सोशल मीडिया पर साझा की गई जानकारी और विज्ञापनों को ध्यान से देखें। किसी भी अनजान नंबर से आने वाले फोन कॉल पर तुरंत विश्वास न करें, खासकर जब यह नौकरी या अन्य लाभ देने का दावा करे। इससे पहले कि कोई धोखाधड़ी का शिकार हो, सावधानी बरतनी चाहिए।

साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं

साइबर अपराध की घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं। ठगों के नए-नए तरीके लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे आम जनता को बहुत नुकसान हो रहा है। इसलिए, कानून प्रवर्तन एजेंसियों का इस तरह के ठगों के खिलाफ कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, समाज के प्रत्येक सदस्य को भी जागरूक रहना चाहिए और जरूरत पड़ने पर पुलिस से संपर्क करना चाहिए।

कार्रवाई के साथ-साथ सुधार की भी जरूरत

सिर्फ ठगों के खिलाफ कार्रवाई करना ही समाधान नहीं है; हमें समाज में जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है। शिक्षा प्रणाली में ऐसी सामग्री को शामिल किया जाना चाहिए जो बच्चों और युवाओं को साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी के बारे में शिक्षित करे। स्कूलों और कॉलेजों में इस पर वर्कशॉप आयोजित की जानी चाहिए, जिससे युवा पीढ़ी इन धोखाधड़ी के तरीकों से सावधान हो सके।

SatishRana
Author: SatishRana

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