Haryana Assembly Elections का दिन इस बार विशेष उत्साह और उमंग से भरा हुआ था। राज्यभर में मतदाताओं के बीच एक अद्भुत उत्साह देखा गया, जिसमें युवा से लेकर बुजुर्ग तक सभी ने भागीदारी दिखाई। इस बार खासकर बुजुर्ग मतदाताओं ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी भागीदारी को लेकर सभी को प्रेरित किया।
95 वर्षीय भूप सिंह की लोकतंत्र में सक्रिय भागीदारी
संगही गांव, रोहतक जिले में 95 वर्षीय भूप सिंह ने लोकतंत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी का प्रदर्शन करते हुए वोट डाला। उनका यह कदम न केवल उनकी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का प्रतीक था, बल्कि यह संदेश भी था कि उम्र कभी भी लोकतंत्र में भागीदारी करने की बाधा नहीं बन सकती।
किन्नर समाज की महामंडल उर्मिला गिरी महाराज का योगदान
रोहतक के गोहाना रोड पर स्थित मतदान केंद्र पर किन्नर समाज की प्रमुख व्यक्तित्व महामंडल उर्मिला गिरी महाराज ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। वोट डालने के बाद, उर्मिला गिरी महाराज ने अपने अंगुली पर लगे स्याही के निशान को गर्व से दिखाया, जो उनकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी का प्रतीक था।
खास पिंक बूथ पर मतदान: कौशल्या देवी और वीणा शौरी
पूर्व ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कौशल्या देवी और पूर्व शिक्षिका वीणा शौरी ने कुरुक्षेत्र में विशेष पिंक बूथ पर वोट दिया। दोनों वरिष्ठ महिलाएं गर्व के साथ मतदान करने आईं और कहा कि यह समाज में महिलाओं की भागीदारी और लोकतंत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
87 वर्षीय सुलोचना देवी का मतदान
करनाल के घरौंडा में नगर पालिका मतदान बूथ पर एक अनोखी लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता देखने को मिली। 87 वर्षीय सुलोचना देवी को उनके बेटे ने गोद में उठाकर मतदान बूथ तक पहुंचाया, जहां उन्होंने अपने मताधिकार का उपयोग किया। उम्र और शारीरिक चुनौतियों के बावजूद, सुलोचना देवी ने मतदान कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी दर्ज की।
81 वर्षीय बनती देवी का गर्व
81 वर्षीय बनती देवी ने जिंद में एक मतदान बूथ पर वोट देकर लोकतंत्र के प्रति अपनी गहरी आस्था का प्रदर्शन किया। वोट डालने के बाद, बनती देवी ने गर्व से अपनी अंगुली पर लगे स्याही के निशान को दिखाया, जिससे उनकी लोकतंत्र में भागीदारी का जज्बा स्पष्ट था।
92 वर्षीय संतारा देवी की मताधिकार का प्रयोग
दादरी विधानसभा क्षेत्र के गांव मिश्री की 92 वर्षीय संतारा देवी ने आज अपने मताधिकार का उपयोग कर लोकतंत्र में अपनी मजबूत आस्था दिखाई। उनका यह कदम यह दर्शाता है कि उम्र केवल एक संख्या है, जबकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी का जज्बा कभी भी कमजोर नहीं होता।
गांवों में चुनावी चर्चा का माहौल
संगही गांव में विधानसभा चुनावों में सरकार के गठन को लेकर ग्रामीणों के बीच चर्चा का माहौल बना रहा। ग्रामीण हुक्का पीते हुए चुनावी रणनीतियों, पार्टी वादों और उम्मीदवारों पर अपने विचार साझा कर रहे थे। यह एक प्रकार का लोकतांत्रिक उत्सव था, जिसमें सभी लोग अपनी राय और विचारों का आदान-प्रदान कर रहे थे।
बुजुर्गों की भागीदारी का महत्व
इन बुजुर्गों की भागीदारी यह दर्शाती है कि लोकतंत्र का महत्व सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए है। उनका यह कदम युवाओं को प्रेरित करता है कि वे भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। हरियाणा में इस बार की विधानसभा चुनाव में बुजुर्गों का उत्साह एक उदाहरण है कि कैसे सभी को लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।