पुलिस को खबर मिली है कि महाकुंभ में स्नान करती महिलाओं के वीडियो डार्क वेब पर भी बेचे गए हैं। डार्क वेब पर अलग-अलग वीडियोज के हिसाब से बोली लगाई गई है। पता चला है कि टेलीग्राम चैनल्स पर भी वीडियोज की खरीद-फरोख्त हो रही थी।
प्रयागराजः महाकुंभ में कुछ अधर्मियों ने ऐसा कृत्य किया है, जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। अब उन पर ताबड़तोड़ एक्शन लिया जा रहा है। प्रयागराज पुलिस ने महाकुंभ में नहाती महिलाओं का चोरी से वीडियो बनाकर डार्क वेब (अश्लील साइट) और दूसरे सोशल मीडिया पर बेचने वालों पर बड़ी कार्रवाई की है। प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में 13 FIR दर्ज की है। साथ ही 103 सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ एक्शन लिया है।
दरअसल, प्रयागराज महाकुंभ में अधर्म की एक ऐसी खबर आई, जिसने सभी को परेशान कर दिया है। पुलिस से लेकर डुबकी लगाने वाले लोग तक परेशान हैं। क्योंकि कुछ गंदी सोच वाले महाकुंभ में डुबकी लगा रही महिलाओं के वीडियो बना रहे हैं। उनकी फोटो खींच रहे हैं और फिर इन वीडियोज़ और फोटोज़ को डार्क नेट पर अपलोड कर रहे हैं। पॉर्न साइट्स पर डाल कर पैसा कमा रहे हैं।
103 सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ एक्शन
इस बात का खुलासा यूपी पुलिस ने खुद किया है। प्रयागराज पुलिस के मुताबिक, कुछ इंस्टाग्राम अकाउंट्स…फेसबुक अकाउंट्स और टेलीग्राम चैनल पर ऐसे वीडियोज़ और फोटोज़ अपलोड किए जाने की शिकायतें मिली थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता लगा कि CCTV channel 11 नाम के एक टेलीग्राम चैनल पर कुछ आपत्तिजनक तस्वीरों को टीज़र के तौर पर इस्तेमाल किया गया।
इसमें कुछ पिक्चर्स लगाकर दावा किया गया कि इस चैनल का 1999 रूपए में सब्सक्रिप्शन लेने पर महाकुंभ में स्नान करती महिलाओं के वीडियो दिए जाएंगे। इसी तरह के कई अकाउंट पुलिस को मिले हैं। पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इन अकाउंट्स के बारे में डिटेल जानकारी मांगी है। यूपी पुलिस ने इस मामले में 13 FIR दर्ज की हैं और अब तक 103 सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ एक्शन लिया है।
वीडियो डालकर महापापियों ने कमाया पैसा
इंडिया टीवी के पास जो FIR की कॉपी है उसके मुताबिक, टेलीग्राम अकाउंट, CCTV और चैनल 11 का नाम है। FIR में बताया गया है कि महाकुंभ में महिलाओं के नहाते और कपड़ा बदलने की तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर शेयर गया गया है। इतना ही नहीं ये भी बताया गया है कि टेलीग्राम चैनल ने इसके लिए 1999 रुपए का सब्सक्रिप्शन भी लिया है। यानि इस तरह से इसे बेचा है कि अगर जिसे भी ये वीडियो या तस्वीरें देखनी है तो इसके लिए पहले उस टेलीग्राम यूजर्ज 1999 रुपए का सब्सक्रिप्शन लेना होगा यानि इन वीडियो को 2-2 हजार रुपए में बेचे गए हैं। इसके लिए टेलीग्राम चैनल ने कुछ वीडियोज और तस्वीरों को टीजर के तौर पर इस्तेमाल भी किया है।
डीआईजी वैभव कृष्ण ने दी ये जानकारी
डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि कुछ फोटोज़ और वीडियोज़ पर लिखा है कि वो सेल के लिए अवलेबल हैं। यानि इसके जरिए पैसा कमाने का धंधा भी चल रहा है। इसलिए अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है और अपराधियों को जल्दी से जल्दी पकड़ा जाएगा। सनातन के सबसे बड़े मेले में महापाप की जांच शुरू हो गई है। जल्द ही आरोपी सलाखों के पीछे होंगे।
साइबर थाने में दर्ज हुई एफआईआर
प्रयागराज के साइबर थाने में इंस्टाग्राम अकाउंट @neha1224872024 के खिलाफ BNS की धारा–79, 353, IT एक्ट की धारा–67 में FIR दर्ज कराई गई है…पुलिस ने इंस्टाग्राम के हेडऑफिस कैलिफोर्निया को एक ईमेल भेजकर अकाउंट की डिटेल्स मांगी हैं….साथ ही इंस्टाग्राम अकाउंट के डार्क वेब से भी कनेक्शन की जांच हो रही है।
महाकुंभ में महापाप के बाद टेलीग्राम चैनल्स पर महिलाओं के नहाते…कपड़े बदलते वीडियो बेचने की कोशिश की गई। बकायदा टेलीग्राम चैनल्स पर वीडियोज और फोटोज के रेट लगाए गए…पुलिस की जांच शुरू होने के बाद एडमिन ने चैनल बंद कर दिए हैं। अलग-अलग नाम से बने टेलीग्राम चैनल्स पर वीडियोज और फोटोज के 500 से 2 हजार का रेट रखा गया है।
पुलिस की जांच में कई हैरान कर देने वाले खुलासे
पुलिस ने महाकुंभ में महिलाओं के स्नान करने के दौरान फोटो, वीडियो बनाने वालों पर एक्शन शुरू कर दिया है। आरोपी महिलाओं के वीडियो सिर्फ सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए नहीं बना रहे थे…बल्कि उनका मकसद उन्हें बेचकर पैसा कमाना था…जांच में डार्क वेब से लिंक की भी बात सामने आ रही है।
पुलिस ने जब जांच की तो पता लगा कि CCTV channel 11 नाम के एक टेलीग्राम चैनल पर कुछ आपत्तिजनक तस्वीरों को टीज़र के तौर पर इस्तेमाल किया गया। इसमें कुछ पिक्चर्स लगाकर दावा किया गया कि इस चैनल का 1999 रूपए में सब्सक्रिप्शन लेने पर महाकुंभ में स्नान करती महिलाओं के वीडियो दिए जाएंगे।
गुजरात पुलिस की जांच में सामने आई थी ये बात
महाकुंभ में ये नेटवर्क कैसे काम कर रहा था। धीरे-धीरे बेहद चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। गुजरात पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है.. राजकोट पुलिस ने प्रयागराज से एक शख्स को गिरफ्तार किया है.. जांच में पता चला कि प्रयागराज से एक यूट्यूब चैनल चल रहा था, जिस पर गुजरात के एक हॉस्पिटल के लेबर रूम के भी वीडियो अपलोड हुए थे। जांच आगे बढ़ी तो प्रयागराज का लिंक सामने आया..पुलिस ने इस मामले में प्रयागराज से चंद्रप्रकाश फूलचंद नाम के शख्स को अरेस्ट किया है।
साइबर क्राइम पुलिस और शहर क्राइम ब्रांच की टीमों ने महाराष्ट्र से भी 2 गिरफ्तारी की हैं। लातूर से प्रज्वल तैली, सांगली से प्रज पाटिल को अरेस्ट किया है..राजकोट पुलिस का दावा है कि ये तीनों आरोपी सिर्फ अस्पताल के ही वीडियो नहीं बेचते थे बल्कि सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं के वीडियो बनाने और बेचने के काम में लगे थे।
डार्क वेब क्या है
डार्क वेब को इंटरनेट की दुनिया का ‘काला पन्ना’ माना जाता है। ज्यादातर मामलों में साइबर अपराधी क्राइम के लिए इसी का इस्तेमाल करते हैं…डार्क वेब एक ऐसा हिस्सा है जो इंटरनेट पर मौजूद है, लेकिन ये समान्य सर्च इंजन जैसे कि गूगल, बिंग के द्वारा एक्सेस नहीं किया जा सकता है. ये एक प्रकार का एन्क्रिप्टेड नेटवर्क है जो स्पेशल सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के बाह ही एक्सेस किया जा सकता है…इसका इस्तेमाल मानव तस्करी, ड्रग्स की डील, हथियारों की तस्करी और चाइल्ड पॉर्नग्राफी के लिए किया जाता है..यहां यूजर की इन्फॉर्मेशन इंक्रिप्टेड होती है, जिसे डिकोड करना नाममुकिन है।
डार्क वेब की साइट्स को The Onion Router एन्क्रिप्शन टूल की सहायता से हाइड कर दिया जाता है.. जिससे इन तक GOOGLE जैसे सामान्य सर्च इंजन से नहीं पहुँचा जा सकता। डार्क वेब यूजर्स को ट्रैकिंग और सर्विलांस से बचाता है और उनकी प्राइवेसी के लिए सैकड़ों जगह रूट और री-रूट करता है। डार्क वेब अलग-अलग IP एड्रेस से कनेक्ट और डिस्कनेक्ट होता है, जिससे इसको ट्रैक कर पाना असंभव हो जाता है। डार्क वेब पर डील करने के लिए वर्चुअल करेंसी जैसे बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जाता है.. ऐसा इसलिए होता है, ताकि ट्रांजैक्शन को ट्रेस न किया जा सके।
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