पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच आज लखनऊ में भारत की रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा मिलने जा रहा है। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 300 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन इकाई का आधिकारिक उद्घाटन किया जाएगा।
निर्माण इकाई के साथ, ब्रह्मोस एयरोस्पेस एकीकरण और परीक्षण सुविधा भी शुरू की जाएगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह सुविधा मिसाइल प्रणालियों के परीक्षण और संयोजन में मदद करेगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली से वर्चुअली जुड़ेंगे।
कार्यक्रम के दौरान कई अन्य रक्षा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जाएगा। इनमें से एक टाइटेनियम और सुपर अलॉयज मैटेरियल्स प्लांट है, जिसे स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स के नाम से भी जाना जाता है। यह एयरोस्पेस और रक्षा में इस्तेमाल होने वाली उच्च श्रेणी की सामग्री का उत्पादन करेगा।
इसके अलावा, डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (DTIS) की आधारशिला रखी जाएगी। DTIS रक्षा उपकरणों और उत्पादों के परीक्षण और प्रमाणन में मदद करेगा।
ब्रह्मोस उत्पादन इकाई साढ़े तीन साल में पूरी हुई है और यह 80 हेक्टेयर भूमि में फैली हुई है, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने मुफ्त में उपलब्ध कराया था।
उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारे की घोषणा सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में की थी। इसमें छह प्रमुख स्थान हैं: लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट, और इसका उद्देश्य भारत को रक्षा निर्माण में और अधिक आत्मनिर्भर बनाना है।
बयान में कहा गया है कि तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा गलियारा स्थापित करने वाला भारत का दूसरा राज्य है।
