Rajendra Nagar Coaching Case: दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की डूबने से हुई मौत के मामले में चार सह-मालिकों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पिछले हफ्ते, ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।
ट्रायल कोर्ट ने जमानत से किया इनकार
पिछले हफ्ते, दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट की जिला और सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चंदना ने पार्विंदर सिंह, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह और ताजिंदर सिंह को जमानत देने से इनकार कर दिया था। यह सभी लोग उस कोचिंग सेंटर के सह-मालिक हैं जहाँ छात्रों की मौत हुई थी। हाल ही में, ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में एसयूवी चालक मनोज कथूरिया को जमानत दी थी।
कोचिंग सेंटर में चल रहा था अवैध पुस्तकालय
कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में एक अवैध पुस्तकालय चल रहा था, जहाँ छात्र पानी में फंस गए थे। इस अवैध पुस्तकालय के कारण छात्रों की मौत हुई। हाल ही में, दिल्ली हाई कोर्ट ने इन मौतों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को आदेश दिए हैं।
हाई कोर्ट में जमानत याचिका
अब चार सह-मालिकों ने अपनी जमानत की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की है। उनकी याचिका में यह दावा किया गया है कि उन्हें झूठे आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है और वे जमानत पर रिहा होने के हकदार हैं। इन चारों का कहना है कि वे निर्दोष हैं और इस मामले में उनकी भूमिका नहीं है।
प्रशासनिक कार्रवाई और जांच
दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से CBI को जांच का आदेश देने के बाद इस मामले में नए खुलासे हो सकते हैं। जांच एजेंसी अब यह पता लगाएगी कि कोचिंग सेंटर के संचालन में क्या नियमों की उल्लंघना की गई थी और उन लोगों की जिम्मेदारी क्या है जिन्होंने अवैध पुस्तकालय चलाया।
इस घटना के बाद से दिल्ली में कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा और नियमों की समीक्षा की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस मामले की जांच पूरी होने के बाद दोषियों को सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
निष्कर्ष
राजेंद्र नगर कोचिंग मामले में न्याय की तलाश जारी है। चार सह-मालिकों की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट का निर्णय महत्वपूर्ण होगा। इस मामले की जांच और कोर्ट के आदेशों के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है और आगे क्या कार्रवाई की जाएगी।