Alwar: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अलवर के मातृवन क्षेत्र का दौरा किया और वहां 11 पौधे लगाए। इस अवसर पर केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी उपस्थित थे। वन मंत्री संजय शर्मा ने बताया कि मातृवन का उद्घाटन 4 अगस्त को किया गया था, और इसमें करीब 10,000 पौधे लगाए गए थे। आज, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अधिकारियों की उपस्थिति में इस मातृवन में 11 पौधे लगाए।
मातृवन का महत्व और पौधरोपण
संजय शर्मा ने कहा कि मातृवन के इस आयोजन में अलवर के लोगों की विशेष भागीदारी रही। बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं ने मिलकर इसमें योगदान दिया, जिससे मातृवन के विस्तार की तैयारी की जा रही है। आज संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने मातृवन में आकर 11 पौधे लगाए और इस आयोजन को एक महत्वपूर्ण अवसर बनाया।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि इस भागीदारी के माध्यम से हम अपने शहर को हरा-भरा बना सकते हैं। हमने अलवर की कट्टी घाटी में पौधरोपण किया है और अब अक्टूबर में ‘एक पेड़ मां’ के नाम पर भिवाड़ी में बाबा मोहन राम के मंदिर के पास एक पहाड़ी पर दो नगर वन तैयार किए जाएंगे। यहां भी जिले के सभी लोगों के सहयोग से पौधरोपण कार्य किया जाएगा।
प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा का संदेश
इस मौके पर राज्य वन और पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि अब तक हमने प्रकृति से बहुत कुछ लिया है, लेकिन अब समय आ गया है कि हम प्रकृति को कुछ लौटाएं। उनका कहना था कि यह अलवर और वन विभाग के लिए गर्व की बात है कि संघ प्रमुख यहां आए और संघ के अधिकारियों के साथ मिलकर मातृवन में 11 पौधे लगाए।
मंत्री ने कहा कि इस पहल से शहर को हरा-भरा बनाने में मदद मिलेगी और लोग इन पौधों को भविष्य में बड़े पेड़ों के रूप में देख सकेंगे। यह कार्य न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि शहर के सौंदर्य को भी बढ़ाएगा।
सामुदायिक सहयोग और भविष्य की योजनाएं
मातृवन में पौधरोपण के इस कार्यक्रम ने समुदाय की सक्रिय भागीदारी को उजागर किया है। लोगों का सहयोग इस परियोजना की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आने वाले समय में, भिवाड़ी में दो नगर वन की योजना के साथ, इस तरह के और भी कार्यक्रमों की तैयारी की जा रही है।
अलवर के लोग अब इस प्रकार की पहलों में और अधिक सक्रिय रूप से भाग लेकर शहर को हरा-भरा बनाने में योगदान दे सकते हैं। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की यह कोशिश है कि पौधरोपण के कार्य को लगातार जारी रखा जाए और इसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएं।