Ajmer News: अजमेर में पिछले दस दिनों से चल रहे गणेश उत्सव का समापन आज अनंत चतुर्दशी के अवसर पर होगा। इस अवसर पर गणेशजी की विसर्जन प्रक्रिया के लिए भव्य तैयारियाँ की गई हैं। गणेश पंडालों में उत्सव की धूम-धाम देखते ही बनती है। एक ओर जहाँ गणेशजी की विशेष पूजा अर्चना की गई, वहीं दूसरी ओर 56 भोग अर्पित किए गए।
गणेश पंडालों में विशेष आयोजन
श्री राम हिंदुस्तान युवा सेना ने वैष्णव नगर, राजू कॉलोनी शिवपाल लक्ष्मण सोसायटी में भगवान गणेश की विशेष सजावट की। इस बार गणेश जी को 56 भोग अर्पित किए गए, जो कि इस त्योहार की विशेषता थी। भोग अर्पित करने के बाद महिलाओं ने डांडिया खेलकर उत्सव की खुशियाँ मनाई। पंडालों में सजावट और भोग के साथ-साथ गणेश जी के जन्मदिन का उत्सव भी मनाया गया और गणेश जी के सामने केक काटा गया।
गणेशजी की विसर्जन की तैयारी
अनंत चतुर्दशी के अवसर पर गणेश जी की विदाई की तैयारियाँ धूमधाम से की गई हैं। आज गणेश जी को अजमेर के आजाद पार्क स्थित तालाब में विसर्जित किया जाएगा। विसर्जन के दौरान शहरभर की गाड़ियों और झाँकियों की धूमधाम के बीच गणेशजी को ढोल और डीजे की धुन पर विदाई दी जाएगी। इस अवसर पर लोगों ने खास तैयारी की है ताकि गणेश जी की विदाई समारोह भव्य और यादगार बन सके।
श्री राम हिंदुस्तान युवा सेना का योगदान
श्री राम हिंदुस्तान युवा सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवीलाल सोनी ने कहा कि इस साल भी गणेश उत्सव को पहले की तरह ही धूमधाम से मनाया गया। उन्होंने कहा कि गणेशजी की पूजा अर्चना और भोग अर्पण का आयोजन भव्य था और पूरे उत्सव को खास बनाने के लिए कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। देवीलाल सोनी ने बताया कि गणेश जी के जन्मदिन पर केक काटकर और भोग अर्पित कर इस दिन को और भी विशेष बनाया गया।
विसर्जन के साथ जश्न का माहौल
विसर्जन के दिन शहर में गणेश जी के स्वागत और विदाई की तैयारियाँ चल रही हैं। लोगों ने सजावट, संगीत और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की व्यवस्था की है ताकि गणेश जी की विदाई एक भव्य और आनंदमय अनुभव हो। विसर्जन की परंपरा के अनुसार, गणेश जी को हर साल बड़े धूमधाम से विदाई दी जाती है, और इस बार भी यह परंपरा पूरी की जाएगी।
गणेश उत्सव की महत्ता
गणेश उत्सव एक ऐसा त्योहार है जो भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह त्योहार खुशियों, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक होता है। इस दौरान भगवान गणेश की पूजा, भोग अर्पण और विशेष सजावट के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। गणेश जी की विदाई के दौरान पूरे शहर में एक उत्सव का माहौल रहता है और लोग इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाते हैं।