Delhi News: दिल्ली में मुख्यमंत्री Atishi के कार्यालय में एक खाली कुर्सी रखे जाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) और Atishi पर हमला बोला है, जबकि AAP ने इसे एक व्यक्तिगत भावनात्मक अभिव्यक्ति बताया है। इस पूरे विवाद ने दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है।
AAP का बयान: “यह श्रद्धा का प्रतीक है”
आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली सरकार में पर्यावरण और वन मंत्री गोपाल राय ने इस विवाद पर सफाई दी। गोपाल राय ने कहा कि Atishi के कार्यालय में रखी गई खाली कुर्सी का कोई कानूनी महत्व नहीं है, बल्कि यह Atishi की व्यक्तिगत भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि Atishi ने अपने तरीके से अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं और इसे किसी नियम के उल्लंघन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
गोपाल राय ने आगे कहा, “यह Atishi की श्रद्धा है, उनकी सोच है, और उन्होंने इसे एक खाली कुर्सी के माध्यम से व्यक्त किया है। हमारी पूरी टीम का एक ही मिशन है कि Arvind Kejriwal जी द्वारा शुरू किए गए कामों को आगे कैसे बढ़ाया जाए। हम सिर्फ उसी दिशा में काम नहीं करेंगे बल्कि उसमें सफल भी होंगे।”
Arvind Kejriwal का इस्तीफा और AAP का मिशन
दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने 17 सितंबर को विशेष परिस्थितियों में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। गोपाल राय ने कहा कि Arvind Kejriwal ने इस्तीफे से पहले स्पष्ट रूप से कहा था कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें यह जनादेश नहीं देती कि वह ईमानदार हैं, वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि Kejriwal का इस्तीफा उनकी ईमानदारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई का प्रतीक है। AAP के नेताओं का कहना है कि उनकी पूरी टीम का एकमात्र उद्देश्य Kejriwal द्वारा शुरू किए गए कामों को आगे बढ़ाना और दिल्ली में विकास की गति को तेज करना है।
दो कुर्सियों का सवाल
मुख्यमंत्री Atishi के कार्यालय में रखी गई दो कुर्सियों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। एक कुर्सी पर Atishi खुद बैठती हैं जबकि दूसरी कुर्सी खाली रखी गई है। जब इस बारे में सवाल किया गया, तो गोपाल राय ने कहा कि कानूनी तौर पर कोई कुर्सी रखने का कोई प्रावधान नहीं है। यह सिर्फ Atishi की श्रद्धा है और इसे इसी रूप में देखा जाना चाहिए।
गोपाल राय ने यह भी कहा कि भाजपा की साजिश के कारण महिलाओं से जुड़े कई योजनाएं अटकी पड़ी थीं, और अब उनकी पार्टी इन योजनाओं को तेज गति से आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी।
BJP का हमला: “सीएम की कुर्सी का अपमान”
दूसरी ओर, भाजपा ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोला है। भाजपा नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री Atishi का यह कदम मुख्यमंत्री की कुर्सी का अपमान है। भाजपा का कहना है कि Arvind Kejriwal का इस्तीफा और खाली कुर्सी रखने का यह नाटक जनता को गुमराह करने की कोशिश है।
भाजपा ने कहा कि Arvind Kejriwal ने जनता के साथ विश्वासघात किया है और उनके इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी का षड्यंत्र पूरी तरह से नाकाम हो गया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि वे Kejriwal द्वारा जनता मंच से पूछे गए सवालों का जल्द ही जवाब देंगे और इस मुद्दे पर पार्टी की भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे।
भविष्य की कार्रवाई पर विचार
भाजपा ने इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाने का भी ऐलान किया है, जिसमें पार्टी के नेता इस पर चर्चा करेंगे कि कैसे आम आदमी पार्टी के इस कदम का जवाब दिया जाए। भाजपा का मानना है कि आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और इस पर जनता को सही जानकारी दी जानी चाहिए।
AAP का बचाव और योजनाओं का क्रियान्वयन
आम आदमी पार्टी ने भाजपा के इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि उनकी पार्टी का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में विकास को गति देना है। गोपाल राय ने कहा कि भाजपा की साजिशों के कारण कई योजनाएं धीमी हो गई थीं, खासकर महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ी योजनाएं।
उन्होंने कहा कि अब पार्टी इन योजनाओं पर तेजी से काम करेगी और जनता के विश्वास पर खरा उतरेगी। आम आदमी पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा ने दिल्ली के विकास को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन उनकी पार्टी दिल्ली के लोगों की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरी उतरेगी।
Kejriwal की वापसी की उम्मीद
आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि Arvind Kejriwal जल्द ही दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका में वापस आएंगे। उन्होंने कहा कि Kejriwal का इस्तीफा अस्थायी है और वह तब तक वापस नहीं आएंगे जब तक कि दिल्ली की जनता यह न मान ले कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई में उनके साथ हैं।
संजय सिंह, गोपाल राय और अन्य AAP नेताओं का मानना है कि भाजपा की साजिशें अंततः नाकाम होंगी और Kejriwal की ईमानदारी और नीतियों को जनता का समर्थन मिलेगा।