Sawai Madhopur: सवाई माधोपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने आज त्रिनेत्र गणेश मंदिर परिसर में एक बड़ी कार्रवाई की, जिसमें 2000 किलो से अधिक बासी और सड़ें हुए बेसन के लड्डू जब्त कर नष्ट किए गए। यह कार्रवाई मेडिकल और हेल्थ विभाग की खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा की गई, जो कि सवाई माधोपुर में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है, खासकर उन मंदिरों में जहां हाल ही में विवाद सामने आए हैं।
हाल ही में, तिरुपति बालाजी मंदिर सहित कई मंदिरों में प्रसाद के मुद्दे पर विवादों के बाद, राजस्थान सरकार ने भी मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को लेकर सख्ती बरतने का निर्णय लिया। इसी क्रम में, सवाई माधोपुर में खाद्य सुरक्षा टीम ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी धर्म सिंह मीना के निर्देश पर त्रिनेत्र गणेश मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता की जांच शुरू की।
कार्रवाई का विवरण
खाद्य सुरक्षा टीम ने मंदिर परिसर में स्थित प्रसाद की दुकानों, भंडार गृहों और गोदामों की तलाशी ली। इस दौरान उन्हें 2000 किलो से अधिक बासी और सड़ें हुए बेसन के लड्डू और उनके कच्चे माल मिले। खाद्य सुरक्षा निरीक्षक वीरेंद्र सिंह ने बताया कि टीम ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर के परिसर में स्थित गोदामों और भंडार गृहों को खोला और 2000 किलो से अधिक सड़ें हुए लड्डू और बेसन को नष्ट कर दिया।
भक्तों की सुरक्षा
इस महीने, 6, 7 और 8 सितंबर को त्रिनेत्र गणेश का तीन दिवसीय लक्की मेला आयोजित किया गया था, जिसमें दुकानदारों ने प्रसाद की बड़ी मात्रा पहले से तैयार की थी। लेकिन भक्तों की संख्या कम होने के कारण प्रसाद बच गया और वह सड़ गया। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट ने प्रसाद को नष्ट करने की जिम्मेदारी ली। मंदिर ट्रस्ट ने 2 अक्टूबर तक मरम्मत कार्य के लिए भक्तों के लिए मंदिर बंद कर दिया है। ऐसे में आने वाले दिनों में प्रसाद के उपयोग की संभावना भी खत्म हो गई थी। इस स्थिति में, विभाग की टीम ने बासी प्रसाद को पूरी तरह से नष्ट करने का निर्णय लिया।
आर्थिक नुकसान
खाद्य सुरक्षा टीम की इस कार्रवाई से दुकानदारों को लगभग 10 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि, दुकानदारों का मानना है कि यह आर्थिक हानि जीवन के नुकसान से बेहतर है। उन्होंने कहा कि यदि टीम समय पर कार्रवाई नहीं करती, तो भक्तों को बासी प्रसाद का सेवन करना पड़ता, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि “जीवन का कोई मोल नहीं है” और इस तरह की कार्रवाई से भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
भविष्य की योजनाएं
खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस घटना के बाद मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता की नियमित जांच करने का फैसला किया है। इससे भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने में मदद मिलेगी। विभाग का कहना है कि भक्तों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसी कारण से वे ऐसे कदम उठाते रहेंगे। इसके अलावा, दुकानदारों को भी सलाह दी गई है कि वे प्रसाद की गुणवत्ता और उसकी सुरक्षित स्टोरेज की प्रक्रियाओं का ध्यान रखें ताकि ऐसे विवादों से बचा जा सके।