Rajasthan Accident News: राजस्थान के डीग जिले के कुम्हेर थाना क्षेत्र में एक अत्यंत दुखद घटना घटी है, जिसमें एक दलित बच्चे की जान चली गई और दो अन्य घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब तीन बच्चे गांव जया में खेल रहे थे और अचानक एक ट्रैक्टर ने उन्हें कुचल दिया। इस घटना ने पूरे गांव में शोक और आक्रोश का माहौल बना दिया है।
घटना का विवरण
25 सितंबर को, जब बच्चे सुबह के समय जंगल की ओर जा रहे थे, तभी उनके पड़ोसी राजेंद्र ने छोटे भाई संजय जातव को गालियाँ देने और पीटने की कोशिश की। इसके बाद 28 सितंबर को, राजेंद्र सिंह के भतीजे पंकज ने ट्रैक्टर चलाते हुए बच्चों को कुचल दिया। इस घटना में 8 वर्षीय रोहन की मौत हो गई, जबकि उसके भाई कान्हा और चचेरे भाई नवजीत गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत भरतपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान रोहन की मौत हो गई।
परिवार और गांव का आक्रोश
रोहन की मौत के बाद परिवार और गांव के लोगों में गहरा आक्रोश फैल गया। परिवार ने मृतक बच्चे के शव को अस्पताल से नहीं उठाने का फैसला किया और आरबीएम अस्पताल के शवगृह के बाहर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने मांग की कि ट्रैक्टर चालक को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने इन्कार कर दिया कि जब तक आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
गांव के लोगों और परिवार ने इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस कार्यालय के बाहर भी धरना दिया। इस धरने की खबर से पुलिस विभाग में हलचल मच गई। वरिष्ठ अधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुँचकर लोगों को समझाया, और अंततः परिवार ने ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मामला दर्ज करने का आश्वासन मिलने के बाद शव उठाने पर सहमति दी।
परिवार की शिकायत
घटना की रिपोर्ट करते हुए पीड़ित परिवार के सदस्य सुगड़ सिंह ने कहा कि 25 सितंबर को संजय जातव जंगल की ओर जा रहा था जब पड़ोसी राजेंद्र ने उसे गालियाँ दीं। इसके बाद 28 सितंबर को, पंकज ने ट्रैक्टर चलाते हुए तीन बच्चों को कुचल दिया और मौके से भाग निकला। इस घटना के बाद तीनों बच्चों को भरतपुर जिले के आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पुलिस की प्रतिक्रिया
भरतपुर सिटी के CO पंकज यादव ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि एक बच्चा ट्रैक्टर से कुचला गया है और दो बच्चे घायल हैं। परिवार को आरोपी के खिलाफ जल्दी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। पुलिस ने गांव में शांति बनाए रखने के लिए बल भी तैनात किया है।
पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर लिया है और जांच का जिम्मा CO आशीष प्रजापति को सौंपा है। पुलिस ने आरोपित की गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
सामाजिक और कानूनी पहलू
यह घटना सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह दलित समुदाय के खिलाफ हो रहे अन्याय और भेदभाव का एक उदाहरण है। समाज में जातिगत भेदभाव के चलते अक्सर दलितों को शोषण का सामना करना पड़ता है। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि क्या हमारी न्याय प्रणाली वास्तव में दलितों के अधिकारों की रक्षा कर रही है?
सामुदायिक एकता की आवश्यकता
इस दुखद घटना ने यह सिद्ध कर दिया है कि समाज में सामुदायिक एकता कितनी महत्वपूर्ण है। जब तक हम सभी वर्गों के लोगों को एकजुट नहीं करेंगे और उनके अधिकारों के लिए नहीं लड़ेंगे, तब तक इस तरह की घटनाओं का सामना करना पड़ेगा।