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Karni Sena के अध्यक्ष का CM भजनलाल को चेतावनी, ‘सूरजमल हाड़ा की छतरी तोड़ी, हम नहीं छोड़ेंगे’

Karni Sena के अध्यक्ष का CM भजनलाल को चेतावनी, 'सूरजमल हाड़ा की छतरी तोड़ी, हम नहीं छोड़ेंगे'

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Karni Sena News: राजस्थान में कोटा विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्व महाराजा सूरजमल हाड़ा की छतरी को तोड़ने के बाद राजपूत समुदाय में आक्रोश फैल गया है। बूँदी में हुई इस घटना के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं, और Karni Sena के कार्यकर्ता भी इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। समुदाय का कहना है कि यदि सरकार छतरी का पुनर्निर्माण नहीं करती है, तो 8 अक्टूबर को हजारों की संख्या में राजपूत स्वयं वहां पहुंचकर छतरी का निर्माण करेंगे।

सूरजपाल अम्मू का बड़ा बयान

Karni Sena के अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू ने इस मामले में राजस्थान सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा, “आप लोग विकास करते हैं, लेकिन अवैध निर्माणों को तोड़ने से डरते हैं, जबकि आप हमारे पूर्वजों की छतरी तोड़ रहे हैं, जिनकी ताकत पर हमने मुगलों से लड़ाई लड़ी थी।”

उनका यह बयान सीएम भजनलाल शर्मा को सीधे चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। अम्मू ने कहा, “मैं इस puppet Chief Minister से कहना चाहता हूं कि वह केवल चार दिन पहले मुख्यमंत्री बने हैं। उन्हें याद रखना चाहिए जब वह सूरजपाल अम्मू की गाड़ी के पीछे बैठते थे। यदि राजपूतों की इज़्जत के साथ छेड़छाड़ की गई, राजा की ऐतिहासिक छतरी तोड़ी गई, या इतिहास के साथ खिलवाड़ किया गया, तो हम किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।”

600 साल पुरानी छतरी का मामला

अम्मू ने कहा कि बूँदी में महाराजा सूरजमल की 600 साल पुरानी छतरी तोड़ी गई है। Karni Sena इस मुद्दे पर लड़ाई कर रही है। उन्होंने कहा, “हम Karni Sena राजस्थान का समर्थन करते हैं। हम पहले प्रहार नहीं करते, लेकिन फिर हम किसी को नहीं छोड़ते। यह आवाज़ राजस्थान तक पहुंचनी चाहिए।”

Karni Sena के अध्यक्ष का CM भजनलाल को चेतावनी, 'सूरजमल हाड़ा की छतरी तोड़ी, हम नहीं छोड़ेंगे'

महिपाल सिंह मकराना की सक्रियता

इस मुद्दे पर महिपाल सिंह मकराना भी लगातार सक्रिय हैं। हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और बताया कि “हमारा काम तब तक जारी रहेगा जब तक मिशन सूरजमल जी छतरी के निर्माण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते। बूँदी के कई गाँवों का दौरा किया जाएगा जैसे मखिदा, गेंटा, एटावा, पिपल्दा, करवाड़, फेररा, मदनपुरा, खाटोली, लखानी, बलुपा, छापोल, बागवाड़ा, देहलोड़, बागली, निमोला आदि।”

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

सूरजमल हाड़ा की छतरी का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह राजपूत समुदाय की पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके टूटने से राजपूतों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। अतीत में इस प्रकार के ऐतिहासिक स्थलों के साथ इस तरह के व्यवहार से समुदाय में आक्रोश बढ़ता है, और इससे सामाजिक ताने-बाने में दरार आ सकती है।

राजनीतिक दृष्टिकोण

राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह मामला महत्वपूर्ण है। राजस्थान में राजपूत समुदाय की एक मजबूत राजनीतिक पहचान है। जब उनके विरुद्ध इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो इसका सीधा असर राजनीतिक समीकरणों पर पड़ता है। इससे पहले भी इस समुदाय ने कई बार अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई है, और यह आंदोलन भी उसी दिशा में एक कदम है।

सरकार की जिम्मेदारी

सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और राजपूत समुदाय की भावनाओं का सम्मान करे। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण हो और किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

SatishRana
Author: SatishRana

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