Vikrant Massey ने ’12वीं फेल’ और ‘मिर्जापुर’ जैसी फिल्मों और सीरीज के जरिए सिनेमा की दुनिया में अपनी एक खास पहचान बनाई है। वह उन कलाकारों में शुमार हैं, जिन्हें बेहतरीन अदाकारों में गिना जाता है। हाल ही में, दैनिक जागरण से हुई बातचीत में विक्रांत ने बताया कि उन्हें किस तरह की फिल्मों में काम करना पसंद है। इस दौरान उन्होंने देव आनंद की मशहूर फिल्म ‘गाइड’ का भी जिक्र किया।
अभिनेता का बदले हुए सिनेमा पर नजरिया
विक्रांत मैसी कहते हैं, “जो विकल्प या आर्ट सिनेमा दस साल पहले तक था, वह अब नहीं रहा। मसाला एंटरटेनमेंट और आर्ट फिल्मों के बीच की लकीर मिट गई है। जो भूमिकाएं पहले नहीं लिखी जाती थीं, वे आज लिखी जा रही हैं क्योंकि लोग उन्हें देखना पसंद करते हैं। कई कलाकार ऐसे हैं जो हीरो की छवि से हटकर असामान्य अभिनय कर रहे हैं। ऐसी फिल्में अब मुख्यधारा के सिनेमा का हिस्सा बन गई हैं। हम एक बदले हुए युग में हैं।”
इन फिल्मों से मिली प्रेरणा
उन्होंने आगे कहा, “विरासत (लीगेसी) एक बहुत बड़ा शब्द है। काम करते समय यह शब्द दिमाग में नहीं आता। मेरी यह महत्वाकांक्षा है कि मैं ऐसी फिल्में करूं जिनकी अपील समय से परे हो। जो फिल्में मैंने बचपन में देखी हैं या घर के माहौल में अच्छी फिल्में देखने का जो चलन रहा है, उसने मेरी सोच को विकसित किया है। जब भी मैं अपने परिवार के साथ बैठता हूं, तो मैं पिछली सदी के छठे और सातवें दशक की फिल्में देखता हूं। मैंने ‘वक्त’, ‘गाइड’ जैसी फिल्में देखी हैं, जो बचपन से मेरे मन में बसी हुई हैं।”
विक्रांत मैसी करना चाहते हैं ऐसी फिल्में
इसके बाद ‘हसीन दिलरुबा’ का जिक्र करते हुए विक्रांत ने कहा, “कमर्शियल सफलता, बॉक्स ऑफिस पर बड़े नंबर ये सब अच्छी बातें हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि यह एक माध्यम है अच्छी कहानियां बताने का। कला किसी भी रूप में हो, चाहे वह किताबें हों, गाने हों या फिल्में, उसकी कीमत सदाबहार होनी चाहिए। वह कला समय से परे होनी चाहिए। अगर कोई इसे 10 साल बाद भी देखे या सुने, तो उसे उससे जुड़ाव महसूस होना चाहिए। मेरा प्रयास यही है कि मैं ऐसी फिल्में करूं, जो यादगार बनें।”