15 सितंबर 2024 की दोपहर अमेरिका के राष्ट्रपति पद के दावेदार डोनाल्ड पर जानलेवा हमले की कोशिश हुई. सीएनएन के मुताबिक यह हमला उस वक्त हुआ जब डोनाल्ड ट्रम्प फ्लोरिडा में पाम बीच काउंटी के इंटरनेशनल गोल्फ क्लब में खेल रहे थे. हालांकि सीक्रेट सर्विस से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल ट्रम्प पुरी तरह से सुरक्षित है.
स्थानीय कानून प्रवर्तन की मानें तो ट्रम्प और हमलावर की बीच की दूरी केवल 300 से 500 मीटर के बीच थी. वहीं क्लब से पास के झाड़ियों से एक एके-47 भी बरामद की गई है. इस पूरी घटना के जांच की एफबीआई कर रही है और इसे हत्या की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
इस हमले की कोशिश के बाद डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा कर रहे सीक्रेट सर्विस पर कई सवाल उठ रहें हैं. दरअसल इस घटना से 64 दिन पहले यानी 13 जुलाई को पेंसिलवेनिया की चुनावी रैली के दौरान भी ट्रंप पर जानलेवा हमला हो चुका है. उस वक्त उनपर चली गोलियों ने उनके कान को घायल कर दिया था. इस हमले के बाद ट्रंप की तस्वीरें भी वायरल हुई थी जिसमें उनके कान से खून निकलता दिख रहा था.
हालांकि उस वक्त भी हमलावर को सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने उसी वक्त गोली मार दी थी. लेकिन इस घटना के बाद सीक्रेट सर्विस पर कई सवाल उठे थे. ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं कि अमेरिकन सीक्रेट सर्विस है क्या और यह भारत की NSG से कितनी अलग है?
क्या है अमेरिकन सीक्रेट सर्विस
अमेरिकन सीक्रेट सर्विस अमेरिका की सबसे पुरानी संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों में से एक हैं. इसकी स्थापना साल 1865 में की गई थी. स्थापना का उद्देश्य था अमेरिका यंग फाइनेंशियल सिस्टम को स्थिर करना. दरअसल 19वीं सदी के मध्य में, अमेरिका में नकली मुद्रा की समस्या गंभीर थी. अमेरिकन सिविल वॉर के दौरान , नकली नोटों की बाढ़ आ गई थी, जिससे आर्थिक प्रणाली को काफी नुकसान पहुंचा था. सरकार को नकली मुद्रा के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता थी.
14 अप्रैल 1865 को राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की हत्या के बाद, राष्ट्रपति की सुरक्षा और सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता बढ़ गई थी. हालांकि सीक्रेट सर्विस का मुख्य उद्देश्य नकली मुद्रा की जांच करना था, लेकिन लिंकन की हत्या ने सुरक्षा की महत्वपूर्ण आवश्यकता को भी उजागर किया था.
इस सर्विस का मुख्य काम शुरुआत में तो नकली मुद्रा के खिलाफ लड़ाई करना था, लेकिन 1901 में राष्ट्रपति विलियम मैककिंले की हत्या के बाद, राष्ट्रपति और अन्य उच्च सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सीक्रेट सर्विस को सौंप दी गई.
20वीं सदी में विस्तार
समय के साथ साथ सीक्रेट सर्विस ने अपनी जिम्मेदारियों का भी विस्तार किया. साल 1901 के बाद, राष्ट्रपति और अन्य उच्च सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा के अलावा, इसमें वित्तीय अपराधों की जांच और विशेष रूप से क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, बैंक धोखाधड़ी, और अन्य वित्तीय अपराधों की निगरानी भी शामिल की गई. साल 2003 में, अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी की स्थापना के बाद, सीक्रेट सर्विस को इस विभाग के तहत स्थानांतरित कर दिया गया.
अमेरिकन सिक्योरिटी सर्विस का मुख्य काम
सीक्रेट सर्विस के महत्वपूर्ण कार्यों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और अन्य उच्च अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शामिल है. इसके अलावा यह नकली मुद्रा और अन्य वित्तीय अपराधों से संबंधित मामलों की जांच और रोकथाम करता.
क्या है नेशनल सिक्योरिटी गार्ड
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) भारत की एक विशेष और उच्च-प्रशिक्षित सुरक्षा बल है, जिसे खासकर आतंकवाद विरोधी संचालन और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए स्थापित किया गया है. NSG की स्थापना साल 1984 में की गई थी. इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में बढ़ते आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए गठित किया गया था.
NSG को विशेष रूप से आतंकवादी हमलों और संकटपूर्ण स्थितियों में हस्तक्षेप करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. इसमें आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन और उच्च सुरक्षा वाले लक्ष्यों को संभालना शामिल है. इसके अलावा NSG के कमांडो महत्वपूर्ण सरकारी व्यक्तियों, जैसे प्रधानमंत्री और अन्य उच्च स्तर के अधिकारियों की सुरक्षा का कार्य भी संभालते हैं. NSG को कठिन परिस्थितियों में विशेष ऑपरेशन, जैसे हाईजैक, बंधक स्थिति और अन्य आपातकालीन स्थितियों के लिए प्रशिक्षित किया गया है
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड से कितनी अलग है अमेरिकन सीक्रेट सर्विस
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) और अमेरिकन सीक्रेट सर्विस (USSS) दोनों ही महत्वपूर्ण सुरक्षा बल हैं, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारियां अलग-अलग हैं. NSG भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए समर्पित है, जबकि USSS अमेरिका में राष्ट्रपति और अन्य अधिकारियों की सुरक्षा के साथ-साथ वित्तीय अपराधों की जांच भी करती है. दोनों ही बल अपनी-अपनी भूमिका में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं और अपने-अपने देश की सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करते हैं.
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) और अमेरिकन सीक्रेट सर्विस (United States Secret Service) दोनों ही सुरक्षा बल हैं, लेकिन उनकी भूमिकाएं, उद्देश्यों और कार्यशैली में काफी फर्क है. NSG की स्थापना 1984 में हुई थी जबकि अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की स्थापना 1865 में हुई थी.
एनएसजी का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद विरोधी संचालन और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा करना है. जबकि अमेरिकन सीक्रेट सर्विस का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, और वित्तीय अपराधों की जांच करना, जैसे कि नकली मुद्रा और क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी.
एफबीआई और सीआईए से कितनी अलग है सीक्रेट सर्विस
अमेरिका में कई सुरक्षा एजेंसियां हैं, जिन्हें ताकतवर माना जाता रहा. इन्हीं में एफबीआई और सीआईए भी शामिल है. लेकिन इन तीनों के ही कामों में काफी ज्यादा फर्क. सीक्रेट सर्विस यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की शाखा है. ये पैसों के अलावा हाई-प्रोफाइल मामलों की तहकीकात करती है.
वहीं FBI यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के तहत काम करने वाली संस्था है. ये संस्था पहले से जुटाई हुई खुफिया सूचनाओं को लेते हुए उसपर जांच-पड़ताल करती है. वीं CIA का काम विदेशी हरकतों और ग्लोबल मुद्दों पर नजर रखना है. इसके साथ ही ये संस्था उनसे जुड़ी खुफिया जानकारियां राष्ट्रपति को देती है.