Delhi News: दिल्ली में हर साल सर्दियों के मौसम के साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है, जिससे राजधानी की हवा जहरीली हो जाती है। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक सर्दियों के लिए विशेष एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसका उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और दिल्लीवासियों को स्वच्छ हवा प्रदान करना है। इस एक्शन प्लान के तहत सरकार ने एक बार फिर से राजधानी में ऑड-ईवन योजना लागू करने का संकेत दिया है, साथ ही कृत्रिम बारिश कराने की भी तैयारी की जा रही है।
ऑड-ईवन योजना का फिर से क्रियान्वयन
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी दी है कि राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ऑड-ईवन योजना को एक बार फिर से लागू करने पर विचार कर रही है। यह योजना दिल्ली में आपातकालीन स्थिति में लागू की जाएगी। अगर दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 450 से अधिक हो जाता है, तो ऑड-ईवन योजना को सक्रिय कर दिया जाएगा। इसके तहत एक दिन केवल ऑड नंबर की गाड़ियां और दूसरे दिन ईवन नंबर की गाड़ियां चलेंगी, जिससे सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
कृत्रिम बारिश की तैयारी
ऑड-ईवन योजना के साथ ही, दिल्ली सरकार पहली बार कृत्रिम बारिश कराने की योजना भी बना रही है। यह प्रयास 1 से 15 नवंबर के बीच किया जाएगा, जब प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होता है। कृत्रिम बारिश का उद्देश्य हवा में मौजूद जहरीले कणों को साफ करना है, ताकि वायु की गुणवत्ता में सुधार हो सके। कृत्रिम बारिश तकनीक के माध्यम से वातावरण में नमी बढ़ाई जाएगी और हवा में फैले प्रदूषित तत्वों को नीचे लाने का प्रयास किया जाएगा।
युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध अभियान की शुरुआत
दिल्ली सरकार ने सर्दियों के मौसम में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष अभियान “युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध” की शुरुआत की है। इस साल इस अभियान की थीम “साथ चलें, प्रदूषण से लड़ें” रखी गई है, जिसके तहत सरकार लोगों को प्रदूषण के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान कर रही है। गोपाल राय ने कहा कि 2016 की तुलना में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 34.6 प्रतिशत कम हुआ है, और इसमें जनता की भागीदारी अहम भूमिका निभा रही है।
ड्रोन के माध्यम से हॉटस्पॉट्स की निगरानी
सरकार ने इस बार पहली बार दिल्ली के हॉटस्पॉट्स पर ड्रोन के जरिए निगरानी रखने का फैसला किया है। यह ड्रोन रियल टाइम में प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करेंगे, जिससे सरकार को प्रदूषण रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। इससे पहले हॉटस्पॉट्स की पहचान मैन्युअल रूप से की जाती थी, लेकिन ड्रोन तकनीक के उपयोग से यह प्रक्रिया अधिक प्रभावी और त्वरित हो जाएगी।
एंटी-डस्ट अभियान और पानी छिड़काव की व्यवस्था
दिल्ली सरकार ने धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 7 अक्टूबर से एंटी-डस्ट अभियान की शुरुआत करने का भी ऐलान किया है। इस अभियान के तहत सभी सरकारी और निजी एजेंसियों को अपने निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रित करने के उपाय करने होंगे। इसके अलावा, 85 सड़क सफाई मशीनें लगाई जा रही हैं और 500 पानी छिड़काव की मशीनों का भी उपयोग किया जाएगा, ताकि धूल को नियंत्रित किया जा सके। इस बार 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन भी लॉन्च की जाएंगी। नवंबर और दिसंबर के महीनों में पानी के छिड़काव की संख्या को तीन गुना बढ़ाने की योजना है, ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।
निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी
गोपाल राय ने यह भी बताया कि 500 मीटर से अधिक बड़े निर्माण स्थलों को पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। सभी निर्माण स्थलों को धूल नियंत्रण के मानकों का पालन करना होगा। अगर 7 अक्टूबर तक ये मानक पूरे नहीं होते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। इससे राजधानी में चल रहे निर्माण कार्यों से होने वाले धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
सार्वजनिक और निजी एजेंसियों के लिए सख्त निर्देश
सरकार ने सभी सरकारी और निजी एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे समय पर अपने प्रदूषण नियंत्रण के उपाय पूरे करें। अगर ऐसा नहीं होता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सभी निर्माण स्थलों और उद्योगों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं।