Rajasthan News: राजस्थान की राजनीति में हाल के दिनों में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की थी, जिसके बाद विपक्षी कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर लगातार हंगामा कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि मीना सरकार से नाराज हैं और यही कारण है कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया। लेकिन राज्य बीजेपी संगठन ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है।
बीजेपी राज्य अध्यक्ष मदन राठौर ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा सरकार से नाराज नहीं हैं। राठौर ने कहा कि मीना रोज अपने विभाग की फाइलें निकाल रहे हैं और वे सरकार के काम में लगे हुए हैं। इस बीच, मीना लगातार बयान दे रहे हैं कि उन्होंने सरकार से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन अब तक उनकी इस्तीफे की स्थिति पर सरकार की ओर से कोई स्पष्टता नहीं आई है।
किरोड़ीलाल मीणा का इस्तीफा
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने 4 जुलाई को सरकार से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी और तभी से वे अपने कार्यालय नहीं जा रहे हैं। राठौर ने मीना के बारे में कहा कि वे शुक्रवार को भी उनके साथ थे और सरकारी काम कर रहे थे। जब राठौर से पूछा गया कि मीना कार्यालय क्यों नहीं जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि वे कहीं से भी काम कर सकते हैं, लेकिन वे सरकार के कार्य में संलग्न हैं।
हालांकि, राठौर के इस दावे के बावजूद, किरोड़ीलाल का अपनी इस्तीफे की स्थिति को लेकर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। यह भी उल्लेखनीय है कि मीना ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि मंत्री बनने के बाद वे ‘शिकंडी’ बन गए हैं। उनका काम कराने की शक्ति कम हो गई है, जो उनके इस्तीफे की अटकलों को और बढ़ाती है।
कांग्रेस का आरोप
इस बीच, कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर लगातार सरकार को निशाने पर ले रही है। कांग्रेस का कहना है कि मीना के इस्तीफे से स्पष्ट होता है कि राजस्थान सरकार की स्थिति कितनी कमजोर है। उनका कहना है कि अगर मीना वास्तव में सरकार का हिस्सा हैं, तो उन्हें अपने कार्यालय में नियमित रूप से उपस्थित रहना चाहिए। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि मीना की नाराजगी का कारण सरकार की नीतियां हैं, जो लोगों के लिए लाभकारी नहीं हैं।
राजनीतिक संकट
राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच की राजनीतिक जंग ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। राठौर के बयान ने यह स्पष्ट किया है कि बीजेपी अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन मीना का बयान और उनके इस्तीफे की अटकलें सरकार की कमजोरी को उजागर करती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले समय में चुनावी रणनीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।