Chittorgarh जिले में चित्तौड़ डेयरी के प्रबंध निदेशक (MD) सुरेश सेन पर शनिवार की शाम को एक बैठक के दौरान चार से पांच लोगों ने हमला किया। यह बैठक रश्मि तहसील के मर्मी में आयोजित की गई थी, जिसमें डेयरी के सचिव और दूध उत्पादक किसान शामिल थे। इस घटना के संबंध में, सुरेश सेन ने रश्मि पुलिस स्टेशन में चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। ये चार आरोपी डेयरी के अध्यक्ष के समर्थक बताए जा रहे हैं।
घटना का विवरण
रविवार को हुई इस घटना ने चित्तौड़गढ़ के डेयरी उद्योग में हलचल मचा दी। बताया गया है कि चित्तोर डेयरी के अध्यक्ष बद्री जगपुरा भी बैठक में मौजूद थे, लेकिन वे अपने संबोधन के बाद स्थान छोड़कर चले गए, इससे पहले कि यह हमला हुआ।
सुरेश सेन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मर्मी माता मंदिर के इन में ज़ोनल कमेटियों की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें रश्मि ज़ोन की लगभग 40 समितियों के सचिव और सारस डेयरी के निदेशक शामिल हुए थे। बैठक के दौरान, डेयरी अध्यक्ष बद्रीलाल जगपुरा ने भी अपना संबोधन दिया और उसके बाद वहाँ से चले गए।
हमले का कारण
बैठक के कुछ समय बाद, जब अध्यक्ष ने सभा छोड़ दी, तो चार लोग वहां पहुंचे और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इस हमले के दौरान सुरेश सेन की शर्ट भी फट गई। उपस्थित अन्य लोगों ने उनकी रक्षा करने का प्रयास किया। सूचना के अनुसार, इन चार आरोपियों में रवि जायसवाल और उनके साथी शामिल थे, जो एक स्कॉर्पियो में आए थे।
सुरेश सेन ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने इन लोगों को रोकने की कोशिश की, तो उन पर हमला कर दिया गया और उन्हें धक्का देकर गिरा दिया गया। इस हमले में सुरेश सेन को पीठ और दाहिने आंख के पास चोटें आईं, जबकि एक अन्य व्यक्ति सीताराम जात को भी चोटें आईं।
पुलिस कार्रवाई
डीयरी एमडी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर, रश्मि पुलिस स्टेशन ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है, जिसमें सरकारी काम में रुकावट डालने की धाराएँ शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और इस संबंध में सभी गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
अध्यक्ष बद्री जगपुरा का बयान
इस हमले के आरोपों पर चित्तोर डेयरी के अध्यक्ष बद्री जगपुरा ने कहा है कि उन्होंने केवल बैठक में अपनी बात रखी थी और फिर वहाँ से चले गए। उन्होंने दावा किया कि डेयरी एमडी का विवाद पूरे उद्योग से है और यह मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित है। जगपुरा ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत आरोप है और एफआईआर में मंच पर बैठे जिम्मेदार लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, जो किसी दबाव में दर्ज किया गया है।
राजनीतिक संदर्भ
इस घटना ने चित्तौड़गढ़ में राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है। डेयरी उद्योग के इस विवाद को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। चित्तौर डेयरी को लेकर राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से एक नई बहस का आरंभ हो गया है।
स्थानीय नेताओं और दूध उत्पादकों का मानना है कि इस घटना से डेयरी उद्योग की छवि को नुकसान पहुँचा है। वहीं, कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएँ उद्योग के भीतर की राजनीतिक स्थिति को दर्शाती हैं।
नागरिकों की प्रतिक्रिया
इस घटना पर स्थानीय नागरिकों और दूध उत्पादकों की प्रतिक्रियाएँ भी सामने आई हैं। कई लोगों ने सुरेश सेन के पक्ष में खड़े होकर कहा कि ऐसे हमलों की निंदा होनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि पुलिस को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और आरोपियों को सजा दिलानी चाहिए।
शांति की आवश्यकता
चित्तौड़गढ़ के नागरिकों ने इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया है। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी पक्षों को आपस में संवाद करना चाहिए और इस प्रकार के मुद्दों को समझदारी से हल करना चाहिए।