दिल्ली सरकार के मंत्री Saurabh Bharadwaj ने रविवार (29 सितंबर) को दिल्ली में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने उपराज्यपाल विनय सक्सेना पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वह हमेशा चुनी हुई आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर नजर रखते हैं, लेकिन अपनी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करते हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में अपराध की स्थिति लगातार चिंताजनक होती जा रही है।
बिगड़ती कानून-व्यवस्था की गंभीरता
Saurabh Bharadwaj ने कहा, “दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति पहले कभी इतनी खराब नहीं रही। आज, अगर आप किसी व्यवसायी की पार्टी में जाते हैं, तो आप पाएंगे कि 80 में से 100 लोग ठगी के शिकार हैं। लोग गुंडों से डरते हैं।” यह बयान दिल्ली में बढ़ते अपराध और गुंडागर्दी की ओर इशारा करता है, जो आम जनता के बीच भय का वातावरण पैदा कर रहा है।
भारद्वाज ने यह भी कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली की चुनी हुई सरकार पर टिप्पणी करते रहते हैं, लेकिन उनकी जिम्मेदारी में कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुधारना शामिल है, जो वे पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहे हैं।
उपराज्यपाल की जिम्मेदारियों पर सवाल
Saurabh Bharadwaj ने सवाल उठाते हुए कहा, “दिल्ली में 209 पुलिस थाने हैं। उपराज्यपाल को कम से कम एक थाने का निरीक्षण प्रतिदिन करना चाहिए। लेकिन वह ऐसा क्यों नहीं करते? जब पीडब्ल्यूडी या एमसीडी का काम होता है, तो वह वहां जाकर फोटो खींचते हैं और दावा करते हैं कि काम उनके आदेश पर हुआ है, जबकि यह दिल्ली सरकार का काम है।”
इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारद्वाज उपराज्यपाल के कार्यों और उनके द्वारा की गई गतिविधियों को लेकर नाराज हैं। उनका यह कहना कि उपराज्यपाल का ध्यान केवल अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन पर है, यह दर्शाता है कि वह नागरिकों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की स्थिति की अनदेखी कर रहे हैं।
दिल्ली में सुरक्षा की स्थिति
दिल्ली की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करते हुए Saurabh Bharadwaj ने बताया कि लोग आजकल अपने जीवन को लेकर बहुत चिंतित हैं। गुंडागर्दी और extortion के मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है। व्यवसायी वर्ग से लेकर आम नागरिकों तक, सभी इस समस्या का सामना कर रहे हैं। उनके अनुसार, लोगों में इतना भय है कि वे सार्वजनिक स्थानों पर भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि इस बढ़ती हुई अपराध दर के कारण लोग अपने व्यवसायों को लेकर चिंतित हैं और कई बार अपनी जान को जोखिम में डालते हैं। Saurabh का यह बयान स्पष्ट करता है कि दिल्ली की कानून-व्यवस्था कितनी गंभीर स्थिति में पहुंच गई है और यह आम जनता के लिए कितनी चिंताजनक हो गई है।
सरकार की भूमिका
Saurabh Bharadwaj ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार लगातार इस स्थिति को सुधारने के लिए प्रयासरत है, लेकिन उपराज्यपाल के लगातार हस्तक्षेप के कारण उनकी योजनाओं पर असर पड़ रहा है। उन्होंने सरकार की कोशिशों को ठुकराने और सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए उपराज्यपाल से जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया।
इससे यह साफ होता है कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच मतभेद केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण से भी जुड़ा हुआ है।