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Arvind Kejriwal आज फिर ‘जनता की अदालत’ लगाएंगे, समर्थक छत्रसाल स्टेडियम में जुटेंगे

Arvind Kejriwal आज फिर 'जनता की अदालत' लगाएंगे, समर्थक छत्रसाल स्टेडियम में जुटेंगे

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आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक Arvind Kejriwal आज रविवार को छत्रसाल स्टेडियम में ‘जनता की अदालत’ कार्यक्रम में फिर से शामिल होंगे। यह उनका दूसरा ‘जनता की अदालत’ होगा। इससे पहले, उन्होंने जंतर मंतर पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित किया था। सांसद संजय सिंह ने कहा कि Kejriwal ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते समय यह वादा किया था कि वह दिल्ली की जनता से अपनी ईमानदारी का प्रमाण पत्र लाकर फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे।

Kejriwal की ईमानदारी पर सवाल

आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा Kejriwal के खिलाफ लगाई गई ED-CBI जैसी एजेंसियों ने उनके खिलाफ कुछ नहीं पाया। देश की सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दी, लेकिन इसके बावजूद Kejriwal ने कहा कि हम जनता से ईमानदारी का प्रमाण पत्र लेकर फिर से सत्ता में आएंगे।

इस्तीफे का साहस

संजय सिंह ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब किसी मुख्यमंत्री ने इतना साहस दिखाया कि उसने अपनी कुर्सी को एक बार नहीं, बल्कि दो बार छोड़ा और जनता के बीच अपने सिद्धांतों और मूल्यों के लिए चुनाव लड़ा। उन्होंने पहले 49 दिनों की सरकार से इस्तीफा दिया और अब फिर से इस्तीफा दिया है।

सिंह ने कहा कि कई मुफ्त सुविधाएं देने के बावजूद, Kejriwal ने पिछले 10 वर्षों से दिल्ली के लोगों के लिए लाभकारी बजट दिया है। जनता भी मानती है कि यह Kejriwal की ईमानदारी का सबसे बड़ा प्रमाण पत्र है। उन्होंने दिल्ली की जनता से अपील की कि वे जनता की अदालत में आएं और Kejriwal के विचारों को सुनें और उनका समर्थन करें।

Arvind Kejriwal आज फिर 'जनता की अदालत' लगाएंगे, समर्थक छत्रसाल स्टेडियम में जुटेंगे

BJP की चुनौती

Arvind Kejriwal छत्रसाल स्टेडियम में एक सार्वजनिक अदालत का आयोजन कर रहे हैं। इसके जवाब में, बीजेपी ने रविवार को बुराड़ी में एक रैली आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस रैली में बताया जाएगा कि 567 कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन प्राप्त करने में जो बाधाएं थीं, वह अब समाप्त हो गई हैं। ये कॉलोनियां बीजेपी के प्रयासों से नियमित की गई थीं और 105 शहरी गांव भी भूमि पूलिंग के तहत आए हैं।

बीजेपी नेताओं के अनुसार, हाल ही में राजस्थान में हुई चिंतन बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि आम आदमी पार्टी को जवाब देने के लिए जनता के बीच सक्रियता बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही, आम आदमी पार्टी को दिल्ली के लोगों की समस्याओं के लिए सरकार को घेरने के लिए भी काम किया जाएगा। यह बुराड़ी रैली से शुरू होगा और आने वाले दिनों में ऐसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि Arvind Kejriwal के कार्यकाल के दौरान लगभग 10 वर्षों में न तो कोई नया अस्पताल, स्कूल या कॉलेज बनाया गया और न ही दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के बेड़े में कोई नई बसें जोड़ी गईं। दिल्ली जल बोर्ड, जो पहले लाभ में था, अब 60 हजार करोड़ के घाटे में चला गया है। दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बनने लगी और यहां की सड़कें जर्जर हो गईं। उन्होंने कहा कि Kejriwal को जनता की अदालत लगाने के बजाय दिल्ली की दुर्दशा का जवाब देना चाहिए।

दिल्ली के लिए Kejriwal का नया दृष्टिकोण

किसी भी राजनीतिक नेता के लिए अपने समर्थकों के बीच ईमानदारी और विश्वास बनाना आवश्यक होता है। Arvind Kejriwal ने एक बार फिर ‘जनता की अदालत’ के जरिए जनता से संवाद स्थापित करने का प्रयास किया है। यह उनकी राजनीतिक रणनीति का एक हिस्सा है, जिसमें वे अपने कामों और नीतियों को जनता के सामने रखना चाहते हैं।

इसके पीछे की सोच यह है कि यदि जनता उनके साथ है, तो वह फिर से मुख्यमंत्री पद पर काबिज हो सकते हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि उन्होंने दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में काफी सुधार किया है।

जनता की अदालत का महत्व

‘जनता की अदालत’ एक ऐसा मंच है जहां आम लोग अपनी समस्याओं और सवालों के साथ सीधे नेता के सामने आ सकते हैं। यह कार्यक्रम न केवल जनता की समस्याओं को सुनने का एक तरीका है, बल्कि यह Kejriwal को अपनी योजनाओं को जनता के सामने रखने का भी अवसर देता है। इस तरह के कार्यक्रम से जनता को यह महसूस होता है कि उनके नेता उनके लिए प्रतिबद्ध हैं।

भविष्य की राजनीतिक चुनौतियां

हालांकि, Kejriwal को अपनी योजनाओं को लागू करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली में कई मुद्दे हैं, जैसे प्रदूषण, पानी की कमी और बुनियादी ढांचे की कमी। इन समस्याओं को हल करने के लिए उन्हें ठोस कदम उठाने होंगे, अन्यथा विपक्षी दल उनके कामों पर सवाल उठाते रहेंगे।

SatishRana
Author: SatishRana

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