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J&K में BJP ला सकती अविश्वास motion

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विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि अगर भाजपा को मुझ पर विश्वास नहीं तो अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। साथ ही उन्होंने सदन में भाजपा को नारेबाजी के लिए भी फटकार लगाई।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने वीरवार को सदन द्वारा पारित विशेष दर्जे के प्रस्ताव को वापस लेने या पद छोड़ने की भाजपा की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को वापस लेने का अधिकारी उनके पास नहीं है। अगर भाजपा को उन पर भरोसा नहीं है तो उसे अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए।

राथर ने भाजपा को नारेबाजी के लिए भी फटकार लगाई। कहा कि सदस्यों का सदन के वेल में प्रवेश करना और विधानसभा सचिव की कुर्सी पर रखे राष्ट्रीय प्रतीक को कुचलना बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, भाजपा विधायक अध्यक्ष से प्रस्ताव वापस लेने के लिए कह रहे हैं। अध्यक्ष के पास अधिकार नहीं हैं। सदन द्वारा पारित किसी भी चीज को सदन द्वारा ही रद्द किया जा सकता है। अध्यक्ष ऐसा नहीं कर सकते।

J&K विधानसभा अध्यक्ष ने कहा: सदन में पारित प्रस्ताव को रद्द करने का अधिकार नहीं, BJP ला सकती अविश्वास प्रस्ताव

विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि अगर भाजपा को मुझ पर विश्वास नहीं तो अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। साथ ही उन्होंने सदन में भाजपा को नारेबाजी के लिए भी फटकार लगाई।
Speaker of JK Assembly said I do not have right to cancel resolution passed in House
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामा
विधानसभा ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया है। घाटी के राजनीतिक दलों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया, जबकि मुख्य विपक्षी भाजपा ने इसका विरोध किया और मांग की है कि अध्यक्ष या तो प्रस्ताव वापस लें या पद छोड़ दें। 
राथर ने भाजपा की मांग पर कहा, अगर उन्हें चेयर पर भरोसा नहीं है, तो नारे लगाना तरीका नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव की एक प्रक्रिया है। उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए। अगर सदन इसे पारित करता है, तो मैं खुद ही वापस चला जाऊंगा, चाहे कोई सदस्य मुझे कहे या नहीं। हालांकि, वे ऐसा भी नहीं करेंगे, बल्कि केवल नारे लगाते रहेंगे। 
वीरवार को सदन से कुछ भाजपा विधायकों को मार्शल द्वारा बाहर निकाले जाने पर अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने मार्शलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी सदस्य को वेल में जाने से रोकें। कल कुछ सदस्य सदन के वेल में आ गए और सचिव विधानसभा की कुर्सी पर खड़े हो गए। उनकी कुर्सी पर राष्ट्रीय प्रतीक है और उन्होंने जूते पहनकर राष्ट्रीय प्रतीक पर कदम रखा।
पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायकों के एक समूह द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर स्पीकर ने कहा कि उन्हें अभी तक यह नहीं मिला है। इसलिए मुझे नहीं पता। हालांकि, प्रस्ताव पेश करने की एक उचित प्रक्रिया है। इसे विधानसभा सचिवालय में पेश किया जाना चाहिए और सचिव इसकी जांच करेंगे और इसे स्पीकर के पास आदेश के लिए रखेंगे। अगर इसे स्वीकार किया जाता है, तो स्पीकर को सरकार को सूचित करना होगा ताकि वे तैयार होकर आ सकें। आप एक पेपर लाकर सदन में इसे नहीं पढ़ सकते और इसे प्रस्ताव नहीं कह सकते।

 

Hind News Tv
Author: Hind News Tv

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