अमेरिकी चुनावों के नतीजे आने के बाद दुनिया के सबसे अमीर शख़्स एलन मस्क ने फ्लोरिडा में ट्रंप के ‘मार-ए-लागो’ रिसॉर्ट में उनके साथ ही चुनावी रात बिताई है.
मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पर लिखा, “आज रात, अमेरिकी लोगों ने ट्रंप को बदलाव के लिए एक स्पष्ट जनादेश दिया है.”
पाम बीच कन्वेंशन सेंटर से अपने विजय भाषण में ट्रंप ने भी मस्क की प्रशंसा की और उनकी कंपनियों में से एक ‘स्पेसएक्स’ के बनाए रॉकेट की सफल लैंडिंग का भी ज़िक्र किया.
एलन मस्क ने पहले ख़ुद की एक ऐसी छवि बनाई थी जिसमें दुर्लभ तकनीकी प्रतिभा है और जो राजनीति से दूर रहता है, लेकिन 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान ट्रंप पर हुए हमले के बाद उन्होंने ट्रंप के अभियान को अपना पूरा समर्थन दिया.
अमेरिकी जनता के सामने 53 साल के दक्षिण अफ़्रीकी मूल के बिज़नेस टाइकून ने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप को जिताने के लिए अपना समय, ज्ञान और पैसे लगा दिए.
ऐसा अमेरिका के अमीर कारोबारियों में आमतौर पर नहीं देखा जाता है. वो पारंपरिक तौर पर पर्दे के पीछे से राजनीति में दख़ल देना पसंद करते हैं.
यह अमेरिकी सीईओ के पारंपरिक दृष्टिकोण से बिल्कुल अलग है. जिनमें से कई आमतौर पर चंदा जुटाने के लिए महंगे डिनर की व्यवस्था करने या भव्य घरों में संभावित दानदाताओं की मेज़बानी करने के लिए ही जाने जाते हैं.
दस लाख अमेरिकी डॉलर का चेक
मिशिगन विश्वविद्यालय के रॉस स्कूल ऑफ बिज़नेस में उद्यमिता विभाग के अध्यक्ष एरिक गॉर्डन बताते हैं, “राजनीति को लेकर बड़े उद्योगपतियों का पारंपरिक दृष्टिकोण सार्वजनिक सुर्खियों से दूर रहना” है.
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन मस्क यह काम ज़ोर-शोर से और पूरे गर्व के साथ करते हैं, शायद इसलिए उन पर बिजली गिराई जाती है.”
डोनाल्ड ट्रंप को फिर से निर्वाचित करने के मक़सद से मस्क ने एक सुपर पीएसी (पॉलिटिकल एक्शन कमेटी) को 11.9 करोड़ डॉलर से ज़्यादा दान दिया.
उन्होंने वोटिंग के पहले के कुछ दिन चुनाव के लिहाज़ से अहम माने जाने वाले राज्यों में मतदाताओं को ट्रंप के पक्ष में एकजुट करने में बिताए.
इस दौरान उन इलाक़ो में मतदाताओं को हर रोज़ 10 लाख डॉलर भी दिए गए. यह रकम एक रैफ़ल (लॉटरी) के ज़रिए दी गई थी, जिसे क़ानूनी तौर पर चुनौती भी दी गई, हालाँकि बाद में एक जज ने इसे खारिज कर दिया.
क्या मस्क को मिलेगा फायदा?
कॉरपोरेशन और धनी लोगों पर टैक्स को कम करने के ट्रंप के प्रस्तावों से एलन मस्क को स्पष्ट लाभ मिलेगा.
इसके अलावा नव निर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा है कि अपने दूसरे कार्यकाल में वो सरकारी संसाधनों की बर्बादी को रोकने में मदद करने के लिए मस्क को अपने प्रशासन में आमंत्रित करेंगे.
मस्क ने इस पहल को “सरकारी दक्षता विभाग” यानी डिपार्टमेंट ऑफ़ गवर्नमेंट एफ़िशिएंसी (डीओजीई) का नाम दिया है. यह एक मीम और क्रिप्टोकरेंसी के नाम से जुड़ा है जिसे उन्होंने ख़ुद लोकप्रिय बनाया है, जिसे ‘डॉजकॉइन’ के रूप में जाना जाता है.
डेमोक्रेटिक पार्टी का कहना है कि ट्रंप के साथ उनके क़रीबी रिश्ते निजी हितों का एक जटिल टकराव पेश करता है, क्योंकि मस्क को ‘स्पेसएक्स’ और ‘टेस्ला’ के लिए सरकारी ठेके में अरबों डॉलर मिले हैं.
कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसॉम के पूर्व आर्थिक और व्यावसायिक सलाहकार लेनी मेंडोंज़ा कहते हैं, “यह बेहद अनैतिक और अवैध है.”
मेंडोंज़ा का मानना है कि जिन लोगों के बीच सरकार और रेग्युलेटर के तौर पर आपसी संबंध हों, उनके पास अपनी बात रखने का अधिकार हो जाता है, लेकिन उनके पास इन हितों पर फैसला करने का अधिकार नहीं होना चाहिए.
व्यापारिक कड़ियाँ
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से मस्क की कंपनियों को भी फायदा हो सकता है. उनमें से एक, ‘स्पेसएक्स’ पहले से ही सरकारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के बिज़नेस में हावी है.
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग प्लेटफॉर्म ‘चार्जवे’ के सीईओ मैट टेस्के के अनुसार, व्हाइट हाउस में एक क़रीबी सहयोगी की मदद से मस्क अपने सरकारी संबंधों से अधिक लाभ हासिल करना चाह सकते हैं.
उनके अनुसार टेस्ला के संस्थापक मस्क का राजनीतिक रुख़ इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में कई लोगों के लिए मुश्किल रहा है, लेकिन कई साल के बाद वो राजनीति के क्षेत्र में तेज़ी से सक्रिय हो गए हैं और इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है.
वे कहते हैं, “मुझे लगता है कि मस्क की रुचि मुख्य रूप से उन मुट्ठी भर चीज़ों पर केंद्रित है जो उनके लिए ख़ास है, जो उनके व्यवसाय से जुड़ा है.”
टेस्के बताते हैं कि मस्क ने कैलिफोर्निया में महामारी के दौरान लागू प्रतिबंधों को “पूरी तरह से खारिज कर दिया” और उसी समय से वो डेमोक्रेटिक पार्टी से दूर हो गए और ट्रंप के क़रीब आ गए.
मिशिगन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गॉर्डन भी इस बात से सहमत हैं.
उनका कहना है कि मस्क ख़ुद को ऐसे इंसान के तौर पर देखते हैं, जिसे रेग्युलेटर ने रोक रखा है और उन्हें लगता है कि सरकारी हस्तक्षेप ने ऑटोनोमस ड्राइविंग जैसे उन प्रौद्योगिकियों के विकास को रोक रखा है, जिन पर उनकी नज़र है.
प्रोफेसर गॉर्डन चेतावनी देते हैं, “वो सबसे आगे रहना चाहते हैं, एक धाकड़ कारोबारी जो नए रास्ते खोल सकता है और उन नियमों में नहीं फंसता है, जो तकनीकी विकास में 5, 10 या 20 साल की देरी करते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “मस्क और आगे निकलना चाहते हैं. वो मंगल ग्रह पर जाना चाहते हैं.”
मस्क ने बोइंग सहित अपने प्रतिद्वंद्वियों की भी आलोचना की है कि उनके सरकारी अनुबंध किस तरह से बनाए गए हैं. मस्क का कहना है कि उनके प्रतिद्वंद्वी बजट के मुताबिक़ और समय पर परियोजनाओं को पूरा करने से पीछे हटते हैं.
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन और अमेरिकी जासूसी एजेंसियों के अरबों डॉलर के निवेश के इरादे के बाद मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भी जासूसी उपग्रहों का निर्माण शुरू कर दिया है.
इस बीच मस्क की कंपनी टेस्ला को भी ट्रंप प्रशासन से फायदा मिल सकता है, क्योंकि पिछले महीने सड़क सुरक्षा पर नज़र रखने वाली अमेरिकी एजेंसी ने कहा था कि वह टेस्ला के सेल्फ-ड्राइविंग सॉफ्टवेयर सिस्टम की जांच कर रही है.
टेस्ला के कर्मचारियों को यूनियन बनाने से रोकने की कथित कोशिश के लिए भी मस्क आलोचना के घेरे में हैं.
हड़ताली कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के मस्क के कथित फैसले के बारे में भी ‘एक्स’ पर ट्रंप और मस्क ने बातचीत की थी. दोनों की बातचीत के बाद यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स यूनियन ने अनुचित श्रम व्यवस्था के लिए ट्रंप और मस्क के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी.