नई दिल्ली. राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने दो बड़े ऐलान किए हैं. एक तो अमेरिका के इतिहास में पहली बार उन्होंने नया डिपार्टमेंट बनाने की बात कही है और दूसरा इस विभाग को संभालने की जिम्मेदारी एलन मस्क और एक भारतवंशी कारोबारी विवेक रामास्वामी को सौंपी है. 39 वर्षीय विवेक भारतीय मूल के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो ट्रंप के प्रशासन में शामिल होंगे. ट्रंप ने उन्हें आखिर क्यों चुना है, इसके पीछे विवेक की कम समय में हासिल की गई कारोबारी सफलता और उनकी कुशलता को ही माना जा रहा है.
विवेक रामास्वामी ने पूरे राष्ट्रपति चुनाव अभियान में ट्रंप का सहयोग किया और एलन मस्क की तरह खुलकर उनके साथ खड़े रहे. रामास्वामी और एमन मस्क मिलकर डोनाल्ड ट्रंप के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट इफिशिएंसी (DOGE) की जिम्मेदारी संभालेंगे. विवेक के माता-पिता काफी समय पहले अमेरिका में एक प्रवासी भारतीय के तौर पर आए थे. उनकी पढ़ाई लिखाई भी अमेरिका में ही हुई और अपनी कुशलता से विवेक ने आज दुनियाभर में नाम कमा लिया है.
अमेरिका के 20 युवा अरबपतियों में शामिल
विवेक की प्रतिभा के ट्रप ऐसे ही कायल नहीं हुए हैं, उन्हें 21 अगस्त, 2023 को जारी फोर्ब्स की सूची में अमेरिका के टॉप 20 युवा अरबपतियों में शामिल किया गया था. तब उनकी नेट वर्थ 95 करोड़ डॉलर (करीब 8 हजार करोड़ रुपये) बताई गई थी, जो ट्रंप की जीत के बाद पिछले सप्ताह 1 अरब डॉलर (करीब 8.4 हजार करोड़ रुपये) रुपये पहुंच गई है.
अमेरिका में 21 करोड़ का घर
विवेक रामास्वामी ने अमेरिका के ओहयो में 25 लाख डॉलर (करीब 21 करोड़ रुपये) का घर भी बनाया है. इसके अलावा एक प्राइवेट जेट भी रखते हैं, जो परिवार के साथ छुट्टियां बिताने में इस्तेमाल किया जाता है. बायोटेक कंपनी के फाउंडर विवेक के पिता गनपति रामास्वामी केरल से अमेरिका गए थे, जो एक इंजीनियर हैं. उनकी माता गीता रामास्वामी वृद्ध मनोचिकित्सक हैं, जो बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ को लेकर परामर्श देती हैं.
कैसे बनाई करोड़ों की संपत्ति
विवेक रामास्वामी के अरबपति बनने का सफर आसान नहीं रहा और उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. उनकी कमाई का सबसे बड़ा जरिया बायोटेक कंपनी रोइवेंट साइंसेज है, जिसकी स्थापना 2014 में की गई थी. 2016 में उन्होंने एक सब्सिडियरी Myovant Sciences को लांच किया, जिसने नैस्डैक पर आईपीओ के जरिये 21.8 करोड़ डॉलर (करीब 1.70 लाख करोड़ रुपये) जुटाए थे.
2020 में आया सबसे बड़ा मौका
रामास्वामी को साल 2020 में सबसे बड़ा मौका मिला जब जापान की कंपनी Sumitomo Dainippon ने 5 रोविएंट ड्रग में 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी. इस सौदे के लिए विवेक को करीब 3 अरब डॉलर मिले और कैपिटल गेन के तौर पर विवेक की पूंजी में 17.6 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ. बायोटेक कंपनी के अलावा विवेक ने स्टॉक और बॉन्ड में भी बड़ा निवेश किया है. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी में भी उनका तगड़ा पोर्टफोलियो है. विवेक ने बिटक्वाइन और इथीरियम में निवेश किया है, जबकि यूट्यूब की प्रतिस्पर्धी कंपनी रंबल (Rumble) और क्रिप्टो पेमेंट फर्म MoonPay में भी उनकी हिस्सेदारी है.
बेस्ट सेलर ऑथर रहे हैं विवेक
विवेक रामास्वामी सिर्फ सफल कारोबारी ही नहीं, अमेरिका के बेस्ट सेलर भी रहे हैं. उन्होंने ‘Woke, Inc.: Inside Corporate America’s Social Justice Scam’, ‘Nation of Victims: Identity Politics, the Death of Merit’, ‘Path Back to Excellence, and Capitalist Punishment: How Wall Street is Using Your Money to Create a Country You Didn’t Vote For’ जैसी सफल किताबें भी लिखी हैं.