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Cancer जैसी जानलेवा बीमारी से बचने के लिए 3 छोटे जीवनशैली बदलाव, अपनाकर रहें सुरक्षित

Cancer जैसी जानलेवा बीमारी से बचने के लिए 3 छोटे जीवनशैली बदलाव, अपनाकर रहें सुरक्षित

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Cancer एक गंभीर बीमारी है जो किसी भी समय किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। दुनियाभर में कई लोग इस जानलेवा बीमारी के शिकार होते हैं और यह विश्वभर में मौतों का एक प्रमुख कारण है। इसलिए, इसका बचाव करना बहुत महत्वपूर्ण है। कैंसर कई कारणों से होता है, लेकिन कुछ छोटे जीवनशैली बदलाव करके इसके खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

Cancer एक खतरनाक बीमारी है, जिसका इलाज पूरी तरह से ठीक होने की गारंटी नहीं देता। अधिकांश कैंसर हमारे अराजक जीवनशैली और असमय दिनचर्या के कारण होता है। इससे कई प्रकार की बीमारियाँ शरीर में प्रवेश करने लगती हैं, जिनमें कैंसर एक प्रमुख बीमारी है। हालांकि, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए आप कुछ छोटे जीवनशैली बदलाव करके इसे रोका जा सकता है।

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जीवनशैली में केवल कुछ बदलाव करके 30 साल से ऊपर के लोगों में कैंसर के जोखिम को 40% तक कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं ऐसे 3 छोटे बदलाव जो जीवनशैली में शामिल किए जा सकते हैं ताकि कैंसर के खतरे से बचा जा सके:

Cancer जैसी जानलेवा बीमारी से बचने के लिए 3 छोटे जीवनशैली बदलाव, अपनाकर रहें सुरक्षित

धूम्रपान छोड़ें आज ही

लगभग 90% फेफड़ों के कैंसर की मौतें धूम्रपान के कारण होती हैं। बीड़ी-सिगरेट या अन्य प्रकार के धूम्रपान में ऐसे रसायन होते हैं जो कोशिकाओं के DNA को नष्ट कर देते हैं। इसमें मौजूद निकोटीन धूम्रपान की लत का कारण बनती है। इसके धुएं में कैरिसिनोजेन होते हैं, जो कैंसर को बढ़ावा देते हैं। इसलिए, धूम्रपान छोड़कर आप फेफड़ों के कैंसर के गंभीर खतरे से बच सकते हैं।

आहार का विशेष ध्यान रखें

अधिक वसा और कम फाइबर वाला आहार मोटापे को बढ़ाता है, जो सीधे तौर पर आंत्र, फेफड़े, प्रोस्टेट, गर्भाशय के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। ऐसे में, बीन्स, दालें, फल, बीज, कम वसा वाले मांस, हरी सब्जियां, नट्स आदि का अधिक सेवन करके इन कैंसरों के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही, स्ट्रीट फूड, जंक और प्रोसेस्ड फूड, पैकेज्ड फूड, वसायुक्त लाल मांस, अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थ और कृत्रिम मिठास से बचें।

नियमित चेकअप करवाएं

कुछ Cancer ऐसे होते हैं जो बहुत देर से पहचान में आते हैं। ऐसे में, इलाज करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, नियमित कैंसर स्क्रीनिंग की सिफारिश की जाती है। महिलाओं को हर एक से दो साल में स्क्रीनिंग जैसे मैमोग्राफी करवाना चाहिए। कुछ संक्रमण भी कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं, जैसे कि हेपेटाइटिस बी लिवर Cancer के जोखिम को बढ़ाता है, स्क्रीनिंग इन्हें समय पर पहचानती है, जिससे कैंसर से बचना आसान हो जाता है।

SatishRana
Author: SatishRana

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