Rajasthan News: विष्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर चर्चा करते हुए भारतीय मुसलमानों और डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर विवादित बयान दिया। उपाध्याय ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के प्रति कुछ लोगों का प्रेम अधूरा है और जिन लोगों ने उनके बारे में पूरी जानकारी नहीं ली है, वे भी उन्हें समझ नहीं पाते हैं।
डॉ. अंबेडकर का विचार और मुसलमानों पर टिप्पणी
उपाध्याय ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर इस देश के महान व्यक्ति थे, जिनकी वजह से छूआछूत को समाज की आंखों के सामने लाया गया। उन्होंने डॉ. अंबेडकर की किताब ‘पाकिस्तान और भारत का विभाजन’ का हवाला देते हुए कहा कि अंबेडकर ने लिखा था कि मुसलमान कभी भी भारत में हिंदू सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी कहा कि अंबेडकर ने लिखा है कि विभाजन के बाद मुसलमानों को भारत में नहीं रहना चाहिए क्योंकि वे शरिया कानून को संविधान और कानून से ऊपर मानते हैं।
पैलेस्टाइन और भारत में दंगों का मुद्दा
सुरेश उपाध्याय ने आरोप लगाया कि जब भी फिलिस्तीन में दंगे होते हैं, भारतीय मुसलमान यहाँ के बारे में चिंतित होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश का एक सांसद लोकसभा में फिलिस्तीन के लिए नारे लगाता है, जो केवल भारत में होता है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं की दुकानों के जलने की घटनाओं का उल्लेख किया और कहा कि इस पर कोई आवाज उठाने वाला नहीं है।
हिंदू समाज को जागरूक करने की अपील
उपाध्याय ने यह भी कहा कि VHP का काम हिंदू समाज को जागरूक करना है और हम अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 1947 में विभाजन के समय हिंदू समाज ने व्यापक विरोध नहीं किया, और आज भी ऐसा ही हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आंखें बंद करने से समस्याएं हल नहीं होंगी और हिंदू समाज को जागरूक होने की आवश्यकता है।