5 सितंबर को ‘शिक्षक सम्मान समारोह’ के अवसर पर पूर्व दिल्ली उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता Manish Sisodia ने कहा कि शिक्षकों की सैलरी IAS अधिकारियों से अधिक होनी चाहिए। सिसोदिया ने कहा कि अगर भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाना है, तो शिक्षकों को IAS अधिकारियों से ज्यादा वेतन देना चाहिए। उन्होंने इस संदर्भ में अन्य देशों के उदाहरण भी दिए।
शिक्षक और बच्चों का महत्व
शिक्षक दिवस पर आयोजित इस समारोह में सिसोदिया ने कहा, “आज भारत के 2047 की चर्चा हो रही है। आज यहां बैठे शिक्षकों और आपके साथ बैठें बच्चों का 2047 के लिए बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।” उनका मानना है कि ये बच्चे ही भविष्य के भारत को आकार देंगे, और इसके लिए शिक्षकों की भूमिका अहम है।
विकसित देशों में शिक्षकों की सैलरी
सिसोदिया ने कहा, “2047 का भारत इन बच्चों पर निर्भर करता है, लेकिन नीति निर्धारकों को भी इनके लिए कुछ करना होगा।” उन्होंने बताया कि अधिकांश विकसित देशों में शिक्षकों को नौकरशाही के अधिकारियों से अधिक वेतन मिलता है। जर्मनी, स्विट्जरलैंड और अन्य देशों के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पांच साल के अनुभव वाले शिक्षक को एक IAS अधिकारी से अधिक वेतन मिलता है।
जेल में अध्ययन का अनुभव
सिसोदिया ने अपनी जेल की अवधि के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने तिहाड़ जेल में रहते हुए हर दिन 8-10 घंटे किताबें पढ़ी और विभिन्न देशों के शिक्षा प्रणाली के बारे में सीखा। उन्होंने कहा, “पिछले डेढ़ साल में मैं जीवन की सबसे कठिन स्थितियों से गुजरा। जब हम कठिन परिस्थितियों में होते हैं, तब शिक्षकों द्वारा सीखी गई बातें सबसे अधिक उपयोगी होती हैं।”
जेल में अध्ययन का महत्व
सिसोदिया ने कहा कि जेल में रहते हुए उन्होंने खूब अध्ययन किया। उन्होंने किताबें पढ़ने के साथ-साथ भारत और दुनिया की शिक्षा प्रणाली पर गहन अध्ययन किया। उन्होंने बताया कि जेल में बिताए गए समय ने उन्हें शिक्षा के महत्व को और बेहतर तरीके से समझने का मौका दिया।
सिसोदिया की शिक्षा पर ध्यान
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जेल में रहते हुए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नए दृष्टिकोण प्राप्त किए और उन विचारों को भविष्य के भारत की शिक्षा व्यवस्था में लागू करने का विचार किया। उनका मानना है कि शिक्षकों को उचित मान्यता और वेतन मिलना चाहिए ताकि वे और भी बेहतर तरीके से बच्चों को शिक्षा प्रदान कर सकें।
सिसोदिया का जेल से बाहर आना
Manish Sisodia को दिल्ली के तिहाड़ जेल में 17 महीनों तक रहना पड़ा था। यह मामले दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का था। हाल ही में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था और जेल से बाहर आकर उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और भविष्य के लिए अपने विचार प्रस्तुत किए।
निष्कर्ष
सिसोदिया का यह बयान शिक्षकों की महत्ता को एक नई दिशा देता है। उन्होंने शिक्षकों को अधिक वेतन देने की आवश्यकता पर जोर दिया है ताकि भारत की शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाया जा सके और आने वाले समय में भारत एक विकसित देश बन सके। उनके अनुभव और विचार शिक्षकों के प्रति सम्मान और वेतन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।