Rajasthan Weather News: राजस्थान में मानसून पूरी तरह सक्रिय रहेगा, और राज्य के विभिन्न हिस्सों में आगामी कुछ दिनों तक भारी बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने विशेष रूप से पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और अलवर, भरतपुर के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है। आइए जानते हैं कि कब मिलेगी राहत और वर्तमान स्थिति क्या है।
मॉनसून की सक्रियता और बारिश का पूर्वानुमान
राजस्थान में मानसून 10 सितंबर तक पूरी तरह सक्रिय रहेगा। इसके बाद, पूर्वी राजस्थान में मानसून की गतिविधियाँ कम हो सकती हैं, जबकि पश्चिमी राजस्थान में 9 सितंबर के बाद इन गतिविधियों में कमी देखी जा सकती है। अगले दो दिनों के दौरान, पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी मध्यम और कभी-कभी भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
विशेष रूप से, जयपुर, कोटा, अजमेर और उदयपुर मंडलों में अगले 48 घंटों के दौरान भारी और बहुत भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही, जयपुर मौसम केंद्र ने अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर और कोटा के लिए अगले तीन घंटों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटों में, पूर्वी राजस्थान के अलवर जिले में 81 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसी प्रकार, झालावाड़ में 86 मिमी, सिरोही में 66 मिमी और टोंक में 74 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
बिसलपुर डेम की स्थिति
बिसलपुर डेम की स्थिति के बारे में बात करें तो, डेम पूरी तरह भर चुका है और त्रिवेणी का प्रवाह अभी भी जारी है। इस कारण से डेम के 6 गेट खोले गए हैं। वर्तमान में, कुल 72120 क्यूसेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इससे आसपास के क्षेत्रों में पानी का स्तर बढ़ने और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है।
मौसम विभाग की चेतावनी और प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी
मौसम विभाग की ओर से जारी की गई चेतावनी के अनुसार, पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश के कारण सड़कें जाम हो सकती हैं, जलभराव हो सकता है, और सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है। अलवर और भरतपुर जैसे जिलों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस प्रकार की स्थितियों में लोगों को सुरक्षित रहने और बारिश के पानी से बचने के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह दी जाती है।
राहत की संभावना और भविष्य की स्थिति
मानसून के सक्रिय रहने के बावजूद, मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि 10 सितंबर के बाद पूर्वी राजस्थान में और 9 सितंबर के बाद पश्चिमी राजस्थान में मानसून की गतिविधियाँ कम हो सकती हैं। इसके साथ ही, मौसम में सुधार और राहत की उम्मीद है। हालांकि, इस दौरान भी कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना बनी रहेगी, इसलिए मौसम की स्थिति पर ध्यान देना आवश्यक है।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति का सामाजिक और आर्थिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जलभराव और सड़कें जाम होने से लोगों की यात्रा और दैनिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं। किसानों की फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं, और बाढ़ के कारण संपत्ति की क्षति हो सकती है। ऐसे में, संबंधित विभागों द्वारा राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
निष्कर्ष
राजस्थान में मानसून की सक्रियता और भारी बारिश की चेतावनी ने लोगों को सतर्क कर दिया है। मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनी के अनुसार, अलवर, भरतपुर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को अपनाना जरूरी है। बिसलपुर डेम की स्थिति को देखते हुए, आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। राहत की उम्मीद 10 सितंबर के बाद की जा सकती है, लेकिन फिलहाल स्थिति पर नज़र रखना और सुरक्षित रहना सबसे महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार की मौसम की स्थितियों में नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम विभाग की अपडेट्स पर ध्यान दें और किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें।