Rajasthan: राजस्थान के प्रसिद्ध कथा वाचक मुरलीधर महाराज ने हाल ही में डॉ. किरोरी लाल मीणा की तारीफ की और कहा कि राज्य को एक ऐसा नेता चाहिए, जो उनके जैसे मेहनती और संघर्षशील हों। मुरलीधर महाराज ने कहा कि डॉ. किरोरी वह नेता हैं, जो अपने आदर्शों और सिद्धांतों के लिए खुद की सरकार के खिलाफ धरना दे सकते हैं और मंत्री पद को ठुकरा सकते हैं। इस प्रकार के नेता समाज, अपने कार्यकर्ताओं और समाज की व्यवस्था के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं और मंत्री पद की लालसा से ऊपर उठते हैं।
डॉ. किरोरी की सच्ची राजनीति
मुरलीधर महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति मंत्री पद को अपने आदर्शों और सिद्धांतों के लिए छोड़ दे, वह वास्तव में सच्चा राजनीतिज्ञ है। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. किरोरी के जैसे नेता को समाज की सेवा के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं होती। महाराज ने डॉ. किरोरी को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें समाज के लिए संघर्ष करते रहना चाहिए और इसी तरह आगे बढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे डॉ. किरोरी की तारीफ नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे सच में एक सच्चे समाजसेवी और नेता हैं।
राम कथा के कार्यक्रम में डॉ. किरोरी की उपस्थिति
यह बयान मुरलीधर महाराज ने अपने सवाई माधोपुर दौरे के दौरान दिया, जब डॉ. किरोरी लाल मीणा ने शनिवार को सवाई माधोपुर के बजरिया में आयोजित महाराज मुरलीधर की राम कथा कार्यक्रम में पहुंचकर उन्हें आशीर्वाद लिया। डॉ. किरोरी ने न केवल महाराज मुरलीधर से आशीर्वाद लिया बल्कि राम कथा और राम भजनों पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ भक्ति भाव से नृत्य किया और अपने हाथों में ढोल बजाते नजर आए।
समाज और राजनीति पर डॉ. किरोरी का दृष्टिकोण
राम कथा के दौरान, डॉ. किरोरी लाल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में जैसे राजनेताओं में बदलाव आया है, वैसे ही जनता में भी बदलाव आया है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर गंगापुर सिटी का उल्लेख किया, जहां उस व्यक्ति को फिर से विधायक बनाया गया, जिसने कहा था कि आदिवासी या मीना हिंदू नहीं हैं। डॉ. किरोरी ने यह सवाल उठाया कि इतने बड़े हिंदू समुदाय के बावजूद उस व्यक्ति को चुनाव में कैसे जीत मिली। इस पर उन्होंने टिप्पणी की कि इस स्थिति का दोष किसके ऊपर है।
राजनीति में आदर्श और सिद्धांत
मुरलीधर महाराज के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे डॉ. किरोरी लाल मीणा के सिद्धांतों और आदर्शों की सराहना करते हैं। उन्होंने राजनीति में सच्चे नेताओं की जरूरत पर बल दिया, जो अपने आदर्शों के प्रति सच्चे रहें और समाज की भलाई के लिए काम करें। डॉ. किरोरी की निष्ठा और समर्पण को देखकर यह लगता है कि राजनीति में ऐसे नेताओं की बहुत आवश्यकता है, जो समाज की वास्तविक समस्याओं को समझें और उनके समाधान के लिए काम करें।
समाज में बदलाव की आवश्यकता
डॉ. किरोरी की बातों में समाज के बदलते दृष्टिकोण और राजनीति की बदलती धारा के प्रति एक गहरी चिंता भी छिपी हुई है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि कैसे समाज में ऐसे लोग सफल हो जाते हैं जो समाज के आदर्शों और मूल्यों का पालन नहीं करते। यह चिंता समाज में बदलाव की जरूरत को भी उजागर करती है, जहां लोगों को अपने चुनावी निर्णयों में सावधानी बरतनी चाहिए और ऐसे नेताओं को चुनना चाहिए जो वास्तव में समाज की भलाई के लिए काम करें।
निष्कर्ष
मुरलीधर महाराज का यह बयान और डॉ. किरोरी की राम कथा कार्यक्रम में उपस्थिति, राजस्थान की राजनीति में आदर्श नेताओं की आवश्यकता को उजागर करती है। यह दर्शाता है कि राजनीति में सच्ची निष्ठा और सिद्धांतों के साथ काम करने वाले नेताओं की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है। समाज को चाहिए कि वे ऐसे नेताओं को पहचानें और उनका समर्थन करें जो समाज की वास्तविक समस्याओं को समझते हैं और उनके समाधान के लिए काम करते हैं। डॉ. किरोरी लाल मीणा का यह उदाहरण समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है और राजनीति में सच्चे आदर्शों को बनाए रखने की आवश्यकता को दर्शाता है।