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Rajasthan Railway: रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव करेंगे ‘कवच’ तकनीक से लैस ट्रेन में ट्रायल यात्रा

Rajasthan Railway: रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव करेंगे 'कवच' तकनीक से लैस ट्रेन में ट्रायल यात्रा

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Rajasthan Railway: भारतीय रेलवे सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, और इसी दिशा में रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव मंगलवार को राजस्थान के सवाई माधोपुर में ‘कवच’ तकनीक से लैस ट्रेन में ट्रायल रन करेंगे। यह यात्रा ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (कवच) की क्षमता का परीक्षण करने के लिए की जा रही है। इस ट्रायल के दौरान कुछ मीडिया के सदस्य भी मंत्री के साथ यात्रा करेंगे।

ट्रायल रन का विवरण

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, मंत्री वैष्णव सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर अपराह्न 4 बजे ‘कवच’ से लैस ट्रेन के इंजन में सवार होंगे और 45 मिनट की यात्रा के लिए इंदरगढ़ रेलवे स्टेशन के लिए रवाना होंगे। इस दौरान ट्रेन विभिन्न गति पर चलेगी ताकि यह देखा जा सके कि क्या ट्रेन बिना ड्राइवर की सहायता से लाल सिग्नल पर स्वतः रुक जाती है। यह ट्रायल रेलवे की सुरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Rajasthan Railway: रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव करेंगे 'कवच' तकनीक से लैस ट्रेन में ट्रायल यात्रा

‘कवच’ तकनीक क्या है?

कवच प्रणाली, जिसे ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (ATP) भी कहा जाता है, भारतीय रेलवे के रिसर्च डिजाइन और स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (RDSO) द्वारा विकसित की गई है। यह प्रणाली तब ब्रेक लगाने की क्षमता रखती है जब ट्रेन ड्राइवर समय पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाता।

कवच 4.0 प्रणाली

कवच 4.0 एक उन्नत ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है, जिसे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रणाली ट्रेन को स्वचालित रूप से नियंत्रित करती है और आपातकालीन स्थिति में त्वरित निर्णय लेने में सक्षम होती है।

रेलवे मंत्रालय इस परियोजना पर पिछले आठ वर्षों से काम कर रहा है और इसे पूरे रेल नेटवर्क में चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना है। हाल ही में एक प्रेस ब्रीफिंग में मंत्री वैष्णव ने बताया कि ‘कवच’ प्रणाली को मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-कोलकाता रेल मार्गों पर तीन हजार किलोमीटर लंबी खंड में लागू करने के लिए कार्य चल रहा है, जिसे अगले मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

कवच तकनीक की विशेषताएँ

  • आपातकालीन ब्रेकिंग: कवच प्रणाली ड्राइवर की अनुपस्थिति में ट्रेन को स्वतः रोकने की क्षमता रखती है।
  • भौगोलिक चुनौतियों का सामना: यह प्रणाली पहाड़ी क्षेत्रों, जंगलों, तटीय और रेगिस्तानी क्षेत्रों में भी प्रभावी रूप से काम कर सकती है।
  • विस्तृत नेटवर्क: वर्तमान में, कवच प्रणाली को 1465 किलोमीटर के मार्ग और 139 लोकोमोटिव (जिसमें EMUs भी शामिल हैं) पर दक्षिण मध्य रेलवे में लागू किया गया है।

कवच प्रणाली का महत्व

कवच तकनीक का उद्देश्य रेल यात्रा को सुरक्षित बनाना और दुर्घटनाओं की संभावना को कम करना है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय रेलवे में सुरक्षा संबंधी कई प्रयास किए गए हैं, और ‘कवच’ प्रणाली इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रणाली न केवल यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि रेलवे की संचालन प्रणाली को भी अधिक कुशल बनाएगी।

भविष्य की योजनाएँ

रेलवे मंत्रालय का उद्देश्य कवच प्रणाली को पूरे देश में लागू करना है, जिससे हर एक ट्रेन यात्रा अधिक सुरक्षित और सुगम बन सके। मंत्री वैष्णव ने इस दिशा में अपने संकल्प को दोहराया है और कहा है कि रेलवे सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

कवच प्रणाली के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन से भारत में रेल यात्रा को एक नई दिशा मिलेगी। यह तकनीक न केवल रेल मंत्रालय के लिए बल्कि यात्रियों के लिए भी एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक होगी।

SatishRana
Author: SatishRana

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